ज्ञान भंडार

मोदी जी का सीना

ज्ञानेन्द्र शर्मा : प्रसंगवश

modi seenaउत्तर प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनावों में जिस तरह अपराधी पृष्ठभूमि वाले कई नेताओं ने बेधड़क हिस्सा लिया, उसने नरेन्द्र मोदी के उस वादे की याद बरबस करा दी जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले चुनाव प्रचार के समय किया था।
मोदी जी ने अपनी कई चुनाव सभाओं में वादा किया था कि वे सत्ता में आए तो एक साल के भीतर अपराधी तत्वों को संसद से बाहर कर देंगे। 14 अप्रैल 2014 को नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में एक चुनाव सभा को सम्बोधित करते समय कांग्रेस पर राजनीति में अपराधियों को शह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वह सत्ता में आए तो दागी सांसदों और विधायकों के लिए विशेष अदालत का गठन करेंगे और एक साल के भीतर उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पांच साल के भीतर से सिस्टम को अपराधियों से मुक्त कर देंगे। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि सिस्टम को साफ करने के लिए मुझे बस एक मौका दीजिए। मैं सभी दागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्पेशल कोर्ट का गठन करूंगा, वो भी एक साल के भीतर। एक साल के बाद जो दोषी होंगे, जेल जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों और विधायकों के बाद पंचायत जैसे निचले स्तर पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह मेरा वादा है कि पांच साल के भीतर मैं सिस्टम को अपराधी-मुक्त बना दूंगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इस प्रक्रिया में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा, फिर दागी नेता उनकी ही पार्टी के क्यों न हों। हरदोई में 21 अप्रैल 2014 को एक अन्य सभा में उन्होंने कहा इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने में किसी से नहीं डरेंगे, ‘क्योंकि मैं मौत को अपनी मुट्ठी में लेकर चलता हूं।’ यह बताने की किसी को जरूरत नहीं है कि मोदी जी को प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए पौने दो साल हो गए हैं। पंचायतों की बात तो दूर दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की कहीं कोई शुरुआत तक नहीं हुई है। क्या मोदी जी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे दागियों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रक्रिया प्रारम्भ करें? लोकसभा के 2014 के समय मोदी जी अक्सर ‘छप्पन इंच की छाती’ की बात करते थे। उन्होंने प्रचार के दौरान एक बार मुलायम सिंह यादव को 56 इंच की छाती की याद दिलाई थी। श्री यादव ने कहा था कि मोदी जी में इतनी हिम्मत नहीं कि वे उत्तर प्रदेश को दूसरा गुजरात बना सकें। तब मोदी जी ने कहा था कि जानते हैं कि दूसरा गुजरात बनाने के लिए क्या चाहिए है। खुद ही जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि दूसरा गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए होगा। इस संदर्भ में एक दिलचस्प बात तब सामने आई जब लखनऊ बाबा साहब अम्बेडकर विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी पिछली 21 जनवरी को लखनऊ आए। विश्वविद्यालय के अधिकारियों से विवि के दीक्षांत समारोह के समय पहनने के वास्ते मोदी जी के लिए अचकन बनाने को कहा गया था। तब यह बताया गया था कि मोदी जी का सीना 50 इंच का है। बात सामने आ ही गई। मोदी जी का सीना 56 नहीं, 50 इंच का है। फिर मोदी जी चुनाव प्रचार के समय 56 इंच के सीने की बात क्यों कर रहे थे? यदि यह मुहावरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था तो बात दूसरी है वरना तो यही कहा जाएगा कि दागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मोदी के पास 56 इंच का सीना नहीं है!

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