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मोस्ट वांटेड किलर हाजीपुर से गिरफ्तार, 17 लोगों की ले चुका है जान  

हाजीपुर : 17 लोगों की हत्या के खूंखार आरोपी को हाजीपुर के बिदुपुर थाना एरिया के दाऊद नगर से पकड़ लिया गया। पटना एसटीएफ और वैशाली पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में मोस्ट वांटेड किलर और उसका साथी पकड़ा गया। पिछले सप्ताह रिटायर टीचर सहदेव राय की हत्या सहित और भी कई मामलों में पुलिस को इन सबकी तलाश थी। किलर अविनाश श्रीवास्तव ने कुबूल किया कि टीचर मर्डर केस में उसने गोली चलाई थी। इस दौरान उसके साथ उसका साथी सतीश कुमार भी था। अविनाश ने कहा कि उसका दोस्त धर्मेंद कुमार का झगड़ा रिटायर टीचर से था। उसने दोस्ती की खातिर टीचर की जान ली है।
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बता दें कि पिछले साल 25 जुलाई को उसे एक बैंक का शटर काटते हुए पुलिस ने अरेस्ट किया था। उसी वक्त पुलिस को पता चला था कि वह एक प्रकार का साइको किलर है। उसने तबतक 17 लोगों की हत्या की थी। हालांकि गिरफ्तारी के बाद आरोपी पुलिस कस्टडी से भाग गया था। उसने बताया था कि फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर उसकी लाइफ पर बेस्ड है। सुपारी लेकर हत्या करने वाले अविनाश की मां कंचन देवी उर्फ कंचन श्रीवास्तव को भी पुलिस ने अरेस्ट किया है। एसपी का कहना है कि अविनाश की मां उसकी गैर हाजिरी में डील करती थी। अपने बेटे को वह अपना मोबाइल सुपारी लेने के लिए देती थी। पुलिस ने अविनाश के पास से 1 पिस्टल, 1 खोखा, 2 मिसफायर कारतूस, 7 जिंदा कारतूस, 2 मोटरसाइकिल और 3 मोबाइल बरामद किया है।

पिता के हत्यारे के सीने में दागी थी 32 गोलियां

अविनाश के पिता ललन श्रीवास्तव की हत्या का आरोप मोइन खां उर्फ पप्पू खां गैंग पर लगा था। उसने 2003 में मोइन खां के सीने में 32 गोलियां उतार दीं। दो गोलियां लगने के बाद ही मोइन मर गया था, लेकिन इसके बाबजूद अविनाश ने गोलियां दागना नहीं छोड़ा। इस घटना को उसने एक साधारण कट्‌टे से अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया कि गोलियां चलाने के बाद जब कट्‌टा गर्म हो जाता था तो अविनाश उसे ठंडा कर फिर गोली मारता था।
पटना एसटीएफ को पहले से जानकारी थी कि टीचर की हत्या होने वाली है। इस वजह से पुलिस और एसटीएफ पहले से वहां तैयार थी। हालांकि तैयारी के बाद भी उसकी हत्या हो गई। हत्यारों की जानकारी के बाद वैशाली पुलिस को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया। एसटीएफ ने बताया कि अविनाश ने अभी 6 लोगों की सुपारी ली थी। जिनमें 3 हाजीपुर के और 3 पटना के लोग थे। वह एक एक कर सबकी हत्या करने वाला था। हालांकि उसके पूरे प्लान पर एसटीएफ की नजर थी। यही वजह है कि उसे अरेस्ट करने के लिए 6 दिनों तक एसटीएफ ने कैंप किया था। 

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