फीचर्डराज्यराष्ट्रीयस्वास्थ्य

याददाश्त कमजोर हो तो मस्तिष्क की जांच करायें – प्रो.झा

seminarइलाहाबाद। अगर किसी की याददाश्त कमजोर होने लगे तो मस्तिष्क की जांच करानी चाहिए, जिससे इसकी सही वजह बताकर इलाज किया जा सके। उक्त वक्तव्य इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन व आईएमए, एएमएस की इलाहाबाद शाखा द्वारा सत्रहवीं वार्षिक वैज्ञानिक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए एसजीपीजीआई के प्रो.संजीव झा ने व्यक्त किया। संगोष्ठी का उद्घाटन आईएमएम एएमएस के राष्ट्रीय चेयरमैन डा.एस.के.राज ने किया। इलाहाबाद के हृदय रेाग विशेषज्ञ प्रो.पी.सी.सक्सेना ने कहा कि अगर किसी को सीने में दर्द हो और इसकी वजह का पता न चल रहा हो तो ईसीजी अवश्य करायें क्योंकि यह दिल का दौरा हो सकता है और दिल के दौरे की जल्दी पहचान एवं इलाज से रक्तवाहिनी के हमेशा के लिए अवरूद्ध होने से बचाया जा सकता है। केजीएमयू लखनऊ से प्रो.ए.के.त्रिपाठी ने एनिमिया के बारे में बताते हुए कहा कि देश की आधी आबादी रक्त की कमी से ग्रसित है तथा इसकी मुख्य वजह कुपोषण एंव विटामिन बी-12 की कमी है। अगर किसी व्यक्ति को कमजोरी महसूस हो रही हो तो उसे हीमोग्लोबिन की जांच जरूर करानी चाहिए। इससे एनिमिया की जल्द पहचान और इलाज करने में सहयोग मिलता है। 

मोतीलाल नेहरू की प्रो.मनीषा द्विवेदी ने कहा कि फैटी लीवर से बचने के लिए तैलीय पदार्थाेें के सेवन से बचना चाहिए तथा नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। आईएमएस बीएचयू वाराणसी के प्रो.एस.के.सिंह मेटाबोलिक सिन्ड्रोम के बारे में बताते हुए कहा कि आजकल व्यायाम के अभाव एवं तैलीय पदार्थाें के अत्यधिक सेवन से बहुत से लोग उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के शिकार हो रहे हैं। अतः रोग से बचना है तो जीवन से तैलीय पदार्थाें को दूर एवं व्यायाम को शामिल करना होेगा। कानपुर के डा.आलोक बाजपेयी ने मानसिक रोग पर बोलते हुए कहा कि बदलते हुए परिस्थितियों में हमारे देश के 36 प्रतिशत लोग डिप्रेेशन के शिकार हो रहे हैं तथा सलाह दी कि मानसिक तनाव होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए तथा स्वयं को दवा के सेवन से बचना चाहिए। संगोष्ठी का संचालन सचिव डा.मनोज माथुर, आयोजन सचिव डा.आर.पी.शुक्ला एवं वैज्ञानिक सचिव डा.सुबोध जैन ने किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डा.रवि मेहरा, आईएमए उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डा.शरद अग्रवाल, सचिव डा.संजय जैन, डा.आर.सी.अस्थाना और प्रदेश सचिव डा.जयंत शर्मा संगोष्ठी में उपस्थित थे। संगोष्ठी में इलाहाबाद व प्रदेश के लगभग तीन सौ चिकित्सक इस संगोष्ठी में सम्मिलित हुए।

Related Articles

Back to top button