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येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा, नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट

बेंगलुरु : सियासी ड्रामे का अंत मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के इस्तीफे के ऐलान के साथ हुआ। कर्नाटक विधानसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कई भावुक बातें कहीं और अंत में इस्तीफा देने का फैसला भी सुना दिया। उन्होंने कहा कि वे यहां से सीधे राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसी के साथ कर्नाटक में ढाई दिन की भाजपा सरकार गिर गई। बहुमत परीक्षण से पहले येदियुरप्पा ने विधानसभा को संबोधित किया। इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण हुआ। इससे पहले सभी दलों के विधायक भी विधानसभा पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा को शाम 4 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत साबित करना था, लेकिन उन्होंने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। इस स्थिति में सीएम बनने का मौका जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मिल सकता है। येदियुरप्पा ने कहा, मैं इस्तीफा दे रहा हूं, यहां से सीधे राज्यपाल के पास जाकर अपना इस्तीफा सौंप दूंगा, 113 सीट होती तो तस्वीर कुछ और ही होती। राज्य को ईमानदार नेताओं की जरूरत है, मेरे सामने आज अग्निपरीक्षा है। राज्य के हर क्षेत्र में जाऊंगा और फिर से जीतकर आऊंगा। जिंदगीभर जंग लड़ता रहा हूं, राज्य के लोगों की सेवा करना चाहता हूं। जब तक जिंदा हूं किसानों के लिए काम करता रहूंगा। जनसेवा में जीवन अर्पित करने को तैयार। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना चाहिए। सोचा था किसानों का कर्ज माफ करूंगा। कर्नाटक में किसान आंसू बहा रहे हैं। कांग्रेस सरकार से नाराज लोगों ने हमें वोट दिया। पीएम मोदी और अमित शाह ने मुझे बाबा साहेब आंबेडकर के जन्मदिन पर सीएम पद का उम्मीदवार बनाया था। हमें जनता का प्यार मिला है, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। कांग्रेस और जेडीएस एक-दूसरे के खिलाफ लड़े, कांग्रेस-जेडीएस का गठबंधन अवसरवादी, ग्रेस और जेडीएस को जनादेश नहीं मिला।
इससे पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि शक्ति परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा इस्तीफा दे देंगे। जो सही साबित हुआ और बहुमत परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया।

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