जीवनशैली

ये 15 साल की ये लड़की करती है वो काम, जिसे करने में अच्छे-अच्छे नही …

उम्र 15 साल और ये लड़की बिना किसी हिचकिचाहट के वो काम करती है, जिसे करने में अच्छो-अच्छों को शर्म आ जाएं या करने की हिम्मत ही न पड़े। काम के बारे में जानेंगे तो इसके जज्बे को सलाम करेंगे।15 साल की ये लड़की करती है वो काम, अच्छे-अच्छे शरमा जाएं करने में…

चंडीगढ़ निवासी दो लड़किया 15 साल की जानवी और 17 वर्षीय लावाण्या एक सराहनीय कदम उठाकर दूसरों के लिए प्रेरणा बन गईं हैं। ये दोनों गरीब लड़कियों के लिए सेनेटरी पैड्स बनाती हैं और उनको निशुल्क बांटती हैं। जानवी सिंह और लावाण्या ने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन से प्रेरित होकर यह काम शुरू किया। हुआ यूं कि अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन देखने के लिए जानवी और लावाण्या एक साथ गईं थीं।

दोनों को फिल्म की कहानी इतनी अच्छी लगी कि घर आकर ठान लिया कि ऐसा ही प्रयास वे भी करेंगी। दोनों ने अपनी मां से बात की और यह काम करने के लिए मंजूरी दे दी। पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने भी प्रोत्साहित किया। जानवी सिंह ने बताया कि जब पैड बांटने के बारे में सोचा तो कीमत अधिक थी। इसलिए उन्होंने इसे बनाने पर विचार किया। लावाण्या की मां विधु जैन ने दोनों को डाक्टर से पैड्स बनाना सीखने की सलाह दी। उन्होंने डाक्टर रितु नंदा से पैड्स बनाना सीखा।

मेरे भाई ने भी दिया साथ: लावाण्या
लावाण्या ने बताया कि इस प्रयास में उनके भाईयों ने भी साथ दिया। दोनों के भाई ने गरमियों की छुट्टियों में पैड्स बनाने में सहयोग दिया। जानवी के भाई त्रिनभ जैन (14), सुमेर वीर सिंह (9) और रणवीर सिंह (9) ने इस अभियान में मदद करने की पेशकश की थी और 2000 सेनेटरी पैड बनाने में सहयोग दिया। जानवी देहरादून स्थित वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून में 10वीं कक्षा की छात्रा हैं तो लावाण्या जालंधर के कान्वेंट स्कूल मेयर वर्ल्ड स्कूल में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं। दोनों बचपन की सहेलियां हैं।

पॉकेट मनी से बनाती हैं सेनेटरी पैड्स
जानवी एवं लावाण्या ने बताया कि जब उन्होंने पैड बनाने के बारे में सोचा था तो पैसे नहीं थे, पर दोनों ने अपनी पॉकेट मनी से शुरूआत की। शुरूआत में दोनों की पाकेट मनी से पांच हजार रुपये इकट्ठे हुए। पैसे कम थे तो जानवी के पिता करणवीर सिंह एवं लावाण्या के पिता पुनित जैन ने साथ दिया। घर वालों ने 10 हजार रुपये दिए, जिसकी बदौलत कुल 15 हजार रुपये से दोनों ने अपना पहला अभियान पूरा किया। अब वे देहरादून, जालंधर और चंडीगढ़ में सेनेटरी पैड्स फ्री में बांटती हैं।

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