अद्धयात्म

ये 9 सबूत देखकर आप भी कहेंगे बिल्कुल सच हैं भगवान राम और रामायण

रामायण काल को बीते हजारों साल हो गए हैं, लेकिन उसका महत्व और उसके प्रति लोगों की जिज्ञासा अभी भी बरकरार है। आज भी ऐसे कई प्रमाण या जगहें मिलती हैं, जिनका अस्तित्व रामायण काल से जुड़ा माना जाता है। आज हम आपको रामायण काल से जुड़ी ऐसी ही 9 जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर रामायण की सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं…ये 9 सबूत देखकर आप भी कहेंगे बिल्कुल सच हैं भगवान राम और रामायण

लेपाक्षी मंदिर, आंध्रप्रदेश
सीता हरण के दौरान रावण से युद्ध करते हुए जटायू की मृत्यु हो गई थी। जटायू आकाश से इसी स्थान पर गिरा था। आज यहां लेपाक्षी मंदिर बना हुआ है।

दिवूरमपोला, श्रीलंका
यह वही जगह है, जहां रावण के वध के बाद देवी सीताजी ने अग्नि परीक्षा दी थी। आज भी उस जगह पर वे पेड़ मौजूद है, जिसके नीचे सीताजी ने अग्नि परीक्षा दी थी।

द्रोणागिरी पर्वत, उत्तराखंड
युद्ध में जब लक्ष्मण मूर्छित हुए तब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी के साथ पूरा पर्वत ही उठा लाए थे। बाद में उसे वापस उस स्थान रख आए। पर्वत पर आज भी वे निशान मौजूद हैं, जहां से हनुमान जी ने उसे तोड़ा था।

पंचवटी, महाराष्ट्र
नासिक के पास आज भी पंचवटी तपोवन है, जहां वनवास के दौरान भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण रुके थे। यहीं लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काटी थी इसी कारण इस जगह का नाम नासिक पड़ा।

पुनौरा धाम, बिहार
बिहार के सीतामढ़ी जिले से 5 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित पुनौरा धाम देवी सीता की जन्मस्थली है। आज यहां देवी सीता है भव्य मंदिर है।

हनुमान गढ़ी, उत्तरप्रदेश
ग्रंथों में हनुमान गढ़ी के बारे में वर्णन मिलता है कि इसी जगह पर हनुमानजी ने भगवान राम कि प्रतीक्षा की थी।

रामसेतु, तमिलनाडू
इस पुल का निर्माण लंका तक पहुंचने के लिए वानर सेना ने किया था। इस पुल का होना रामायण का सबसे बड़ा प्रमाण है।

रामेश्वरम, तमिलनाडू
मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान राम ने खुद इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना कर, इसका अभिषेक किया था।

अशोक वाटिका, श्रीलंका
सीता हरण के बाद रावण ने उन्हें अशोक वाटिका में रखा था। जिस जगह देवी सीता रही थीं, आज वहां सीता अम्मन नाम का मंदिर मौजूद हैं।

 

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