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रमन सिंह ने माओवादियों से फिर खोले वार्ता के रास्ते

रायपुर: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर नक्सलियों से बातचीत के रास्ते खोल दिए हैं। वहीं माओवादियों को हिंसा छोड़ बाकायदा चर्चा के लिए आमंत्रित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस संदेश को राज्य के नजरिए से अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से चर्चा के लिए राज्य सरकार की ओर प्रतिनिधि भी तय कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य के डीजीपी एवं डीजी नक्सल आपरेशन को अधिकृत भी कर दिया है। हालांकि माओवादियों की ओर से अब तक कोई संकेत या जवाब नहीं मिला है। इसके बावजूद राज्य में नक्सलियों के खिलाफ छिड़ी निर्णायक जंग के बाद सरकार के इस दांव को अहम माना जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर से इस दांव के कई मायने हो सकते हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने यह कहकर उदारता दिखा दी कि नक्सलियों से वार्ता के लिए उनका टेबल तैयार है, वे जब चाहें आकर चर्चा कर सकते हैं।

अपने कार्यकाल के पांच हजार दिन पूरा करने के बाद चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात पर मलाल भी जताया कि अब तक राज्य को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त नहीं करा पाने का भी उन्हें मलाल है। उन्होंने कहा कि राज्य के हितों को ध्यान में रखकर ही नक्सलियों से वार्ता का कदम उठाया है। रमन ने साफ कर दिया कि कानूनी कार्रवाई अपनी जगह हो रही है। वहीं दूसरी ओर विकास के काम भी हो रहे हैं। इसके बावजूद वे चाहते हैं कि शांति की बहाली हो जाए, इसलिए नक्सलियों से चर्चा के रास्ते खुले रखे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के लिए बातें केवल कहने की नहीं है, इसलिए राज्य के दो आला पुलिस अफसरों को इसके लिए अधिकृत किया है। संविधान के दायरे में रहकर होने वाली चर्चा का हमेशा से स्वागत करते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने अपने पांच हजार दिनों के कार्यकाल में लगातार नक्सलियों से वार्ता की पहल की है। हालांकि माओवादियों ने इस पर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है।

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