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रात को पुलिस जवानों ने मजदूरों को पीटा, सुबह आरोपी कॉन्स्टेबल सस्पेंड

शिमला: भट्टाकुफर सेब मंडी में रविवार मध्यरात्रि नाइट ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने लोडिंग, अनलोडिंग का काम करने वाले दो मजदूर पीट दिए। मजदूरों के मुताबिक मारपीट करने वाले दो जवान थे। इनमें एक जवान वर्दी और दूसरा सिविल ड्रेस में था। 
घटना रविवार रात करीब 12 बजे की है। रवि कुमार व जय सिंह सेब की पेटियां लोड करवाने के लिए एक ट्राले को बाहर सड़क से मंडी के अंदर ला रहे थे। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने इन्हें रोक दिया और ट्राला अंदर नहीं ले जाने दिया। मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने दोनों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक भी नहीं सुनी। आरोप है कि उल्टे पुलिस कर्मचारी उनसे बहसबाजी करने लगे और कुछ समय बाद लात घूसों से उनकी पिटाई शुरू कर दी।
मंडी के अंदर काम कर रहे अन्य मजदूरों को मारपीट के बारे में पता चला तो वे बचाव के लिए मौके पर पहुंचे। मारपीट में दोनों मजदूरों को चोटें आई हंै। घटना के बाद सभी मजदूरों ने पेटियों को लोड करने का काम बंद कर दिया। सोमवार को मामले में एसपी ने कड़ा रुख अपनाते हुए मारपीट मामले में संलिप्त काॅन्स्टेबल रोहन मेहता को सस्पेंड कर दिया है। एसपी सौम्या सांबशिवन ने कॉन्स्टेबल के खिलाफ विभागीय जांच भी बिठाई है। उन्होंने मंडी में नाइट ड्यूटी पर नए जवानों की तैनाती भी कर दी है। सेब मंडी में करीब एक हजार मजदूर दिन रात लोडिंग अनलोडिंग का काम करते हैं। सुबह छह से शाम पांच बजे तक बाहर से आने वाली गाड़ियों से वे पेटियां उतारते हैं और शाम छह से सुबह पांच बजे तक बिकी पेटियों को ट्रकों में लोड करते हैं। रात को दो साथियों के साथ मारपीट के बाद सभी ने एक होकर लोडिंग का काम बंद कर दिया। इससे रविवार को बिकी सेब की हजारों पेटियां मंडी में ही पड़ी रही। सोमवार को भी मजदूर सुबह से ही हड़ताल पर रहे। मंडी के बाहर मजदूरों ने मारपीट करने पर पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। 
मजदूरों के प्रदर्शन की सूचना के बाद एडिशनल एसपी कुलवंत सिंह मौके पर पहुंचे और मजदूरों को मनाया। सुबह करीब 11 बजे मजदूरों ने एएसपी के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त की और पेटियों को लोड करने का काम शुरू किया। इसके साथ ही मजदूरों ने बागवानों की गाड़ियों से भी पेटियां उतारी। ये सेब से भरी गाड़ियां रात को ही यहां पहुंच गई थी।
दोपहर बाद शुरू हुआ काम
रात को लोडिंग का कार्य रुकने की वजह से मंडी में सोमवार को सेब की खरीद दोपहर बाद शुरू हो पाई। सेब बागवान तो पेटियां लेकर रविवार रात को ही पहुंचे गए थे, लेकिन मजदूरों की हड़ताल की वजह से पेटियां 11 बजे तक गाड़ियों में ही पड़ी रही। 11 बजे के बाद गाड़ियों को अनलोड करना शुरू हुआ और उसके बाद ही आढ़तियों ने बागवानों का सेब बिकवाना शुरू किया। आम दिनों में मंडी में सेब की खरीद फरोख्त का काम सुबह 10 बजे शुरू हो जाता है और शाम पांच बजे तक चलता है। उसके बाद दिल्ली, यूपी और अन्य राज्यों से पहुंचे खरीदार खरीदे गए सेब को यहां से बाहर भेजने के लिए ट्रकों में लोड करवाना शुरू करवाते हैं।
एसाेसिएशन ने की मारपीट की निंदा
आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष एनएस चौधरी और मजदूर यूनियन के उपप्रधान आरआर ठाकुर ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने बताया कि पहली बार लोडिंग, अनलोडिंग का काम करने वाले मजदूरों के साथ पुलिस कर्मियों ने मारपीट की है। उन्होंने बताया कि लोडिंग-अनलोडिंग करने का टाइम टेबल बागवानों की सुविधा के लिए कई साल पहले बनाया गया था। आज तक इसी टाइम टेबल के हिसाब से लोडिंग, अनलोडिंग का काम किया जा रहा है। उन्होंने मारपीट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, ताकि मजदूरों के साथ दोबारा ऐसी कोई घटना न हो। अगर दोबारा इस तरह की घटना हुई तो मजदूर अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल करेंगे। बागवानों के लिए मजदूर दिन रात एक करते हैं और आढ़ती मजदूरों को यूं पीटने नहीं देंगे। भामसं की राज्य सदस्य यशपाल हेटा ने भी घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न की गई तो मजदूर हड़ताल करने पर विवश होंगे। उन्होंने कहा कि मजदूर यूनियन भामसं से संबद्ध है। ऐसे में कार्रवाई न किए जाने पर भामसं भी चुप नहीं बैठेगा।

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