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राम मंदिर निर्माण की चर्चाएं तेज, वेदांती ने कहा-दिसंबर में शुरू होगा निर्माण कार्य

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। शनिवार को राज जन्मभूमि न्यास के प्रसिडेंट राम विलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या राम का निर्माण दिसंबर में शुरू हो जाएगा। वेदांती ने आगे कहा कि राम मंदिर का निर्माण बिना किसी अध्यादेश के आपसी सहमति से अयोध्या में किया जाएगा जबकि मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी। उधर, योग गुरू रामदेव ने कहा- यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा। आना ही चाहिए। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? रामभक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं, मुझे लगता है इसी वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा। अयोध्या में लग सकती है भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति उधर, ऐसी खबर है कि अब दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भगवान श्रीराम की अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात में लगी मूर्ति से भी ऊंची होगी। दिवाली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति पैडस्टल सहित 182 मीटर की है। यह अभी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इस पर 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए। अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का भी रिकार्ड तोड़ेगी। भगवान श्रीराम की मूर्ति की स्थापना का प्रस्ताव एक बैठक में रखा जा चुका है। हालांकि इसके शिलान्यास का अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, लेकिन इसको लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री कर सकते हैं। इस मूर्ति पर और ज्यादा खर्च आने की संभावना है। भगवान श्रीराम की इस मूर्ति की कुल ऊंचाई पैडस्टल सहित 201 मीटर की होगी। इसमें 151 मीटर की मूर्ति होगी और 50 मीटर का पैडस्टल होगा आरएसएस ने इस मामले पर आंदोलन करने का इशारा दे दिया है। संघ के सह सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सवाल किया गया कि जिस तरह 1992 में आंदोलन किया गया था क्या उस तरह आंदोलन किया जाएगा इस मुद्दे पर? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि राम मंदिर को लेकर पिछले 30 साल से आंदोलन चल रह है अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर आंदोलन करेंगे। भैय्या जी ने कहा, राम सबके हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा। हम चाहते हैं कि राम मंदिर बने। काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ के निर्णय देगा। उन्होंने कहा, समाज में सबकी इ्च्छा यही है कि राम मंदिर बने। कोर्ट को भी हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाना चाहिए। कोर्ट के फैसले में देरी हो रही है लेकिन हमें यकीन है कि कोर्ट हमें न्याय देगा।

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