अन्तर्राष्ट्रीय

रिपोर्ट में खुलासा: पांच साल में 10 फीसदी सिकुड़े स्विस ग्लेशियर…

एक अध्ययन के अनुसार स्विट्जरलैंड के ग्लेशियर पिछले पांच वर्षों में अपनी मात्रा का दसवां हिस्सा खो चुके हैं। स्विस अकादमी ऑफ साइंसेज में क्रायोस्फोरिक कमीशन द्वारा प्रकाशित ग्लेशियरों की स्थिति पर वार्षिक अध्ययन के अनुसार 20 स्विस ग्लेशियरों पर माप से पता चला है कि इस वर्ष पिघलने की दर ‘रिकॉर्ड स्तर’ पर पहुंच गई है। जलवायु परिवर्तन पर बढ़ते वैश्विक खतरे के बीच जारी किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि स्विटजरलैंड में गर्मियों के दौरान तेज गर्मी की वजह से इस उम्मीद को भी खत्म कर दिया कि इस वर्ष सर्दियों में ग्लेशियर पिघलना रुक जाएगा।

कमीशन ने कहा कि अप्रैल और मई में, ग्लेशियरों पर बर्फ का आवरण सामान्य से 20 से 40 पीसदी अधिक था, जिसमें जून के अंत तक कुछ स्थानों पर छह मीटर तक की गहराई मापी गई थी। परिणाम में यह कहा गया कि मोटी बर्फ की परत जल्दी गायब हो गई और ज्यादा पिघलन दर सितंबर की शुरुआत तक जारी रही।

इसका मतलब है कि पिछले 12 महीनों में, स्विट्जरलैंड के कुल ग्लेशियर की मात्रा का लगभग दो फीसदी हिस्सा खो चुका है। ज्यूरिख में ईटीएच टेक्निकल यूनिवर्सिटी में ग्लेशियोलॉजिस्ट द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन ने संकेत दिए हैं कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में सुधार नहीं होने पर पूरे आल्प्स में बने 4,000 ग्लेशियरों में से 90 फीसदी से अधिक इस सदी के अंत तक गायब हो सकते हैं।

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