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रियल एस्टेट पर फैसला, अभी सस्‍ते नहीं होंगे मकान

लंबे समय से निर्माणाधीन मकानों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST)कटौती की उम्‍मीद कर रहे लोगों को अभी और इंतजार करना होगा. दरअसल, जीएसटी काउंसिल की 33वीं बैठक के दौरान इस सेक्‍टर पर जीएसटी स्‍लैब में बदलाव का निर्णय रविवार यानि 24 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है. इसके अलावा काउंसिल ने जनवरी के लिए कंपनियों को बिक्री का रिटर्न दायर करने की अंतिम तिथि भी शुक्रवार तक बढ़ा दी है. दरअसल, निर्माणाधीन मकानों पर लगने वाले जीएसटी स्लैब की समीक्षा के लिए एक मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया गया था.

इस समिति ने किफायती श्रेणी के घरों पर 3 फीसदी टैक्‍स लगाने की सिफारिश की है. वर्तमान में यह 8 फीसदी के स्लैब में है. ऐसे में यह उम्‍मीद की जा रही थी कि इस बैठक में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर के स्‍लैब में कटौती हो सकती है. अगर यह सिफारिश लागू हो जाता है तो निर्माणाधीन मकानों की खरीददारी आसान हो जाएगी.

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में हुई इस बैठक में लॉटरी को लेकर भी अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.   जेटली ने बैठक के बाद कहा कि रिटर्न भरने की भीड़ को देखते हुए सभी राज्यों में इसके लिए अंतिम तिथि 22 फरवरी तक बढ़ा दी गई है. वहीं जम्मू कश्मीर के लिए यह समयसीमा 28 फरवरी तक बढ़ाई गई है. बता दें कि जीएसटीआर-3बी दायर करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी को समाप्त हो रही है.

इसके अलावा काउंसिल बैठक में सीमेंट के टैक्स स्लैब में भी कटौती की उम्‍मीद थी लेकिन इस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ.वर्तमान में सीमेंट 28 फीसदी के स्लैब में है जो 18 फीसदी के स्लैब में आने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में किफायती आवास की परिभाषा बदलने पर भी काउंसिल विचार कर रही है. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा गरीब लोगों को 2 फीसदी टैक्‍स की दरों के तहत लाया जा सके. अगर अभी की बात करें तो किफायती घरों को 50 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया में परिभाषित किया गया है. न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इसे 80 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जा सकता है. डेवलपर्स और संभावित घर खरीदारों को इससे फायदा होगा.

गौरतलब है कि बीते बीते 10 जनवरी को जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक हुई थी. इस बैठक में छोटे कारोबारियों की राहत के ऐलान किए गए. बैठक में छोटे कारोबारियों की कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है. इसी बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया गया था.

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