अपराध

रेप के बाद मुझे हर रात गर्भनिरोधक खिलाई जाती थी, कहानी सुन दिमाग की नसें फट जाएंगी

से’क्स ट्रेड के भंवरजाल से निकलीं शबनम की कहानी सुनकर लगता कि दिमाग की नसें फट जाएंगी। शबनम के सामने क्रूरता की सभी मिसालें बौनी हो जाती हैं। एक ऐसी कड़वी दास्तान जिसे सुनकर बर्बर अरबी शेख तक पानी मांग सकते हैं। शबनम की बीत चुकी ज़िंदगी का निचोड़ यह है कि म’र्दवादी क्रू’रता किसी एक शहर की चिंता नहीं है। बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक तक उनका शो’षण होता रहा। शक्ल सभी की जुदा लेकिन सुलूक सभी का एक जैसा। ज्यादातर मर्द कं’डोम चढ़ाने तक से कतराते थे। सुबह होने पर उन्हें ग’र्भ नि’रोधक गो’लियां खिलाकर सुला दिया जाता। अब ए’ड्स की मरीज़ हैं। ये है शबनम से बातचीत के कुछ अंश-

रेप के बाद मुझे हर रात गर्भनिरोधक खिलाई जाती थी, कहानी सुन दिमाग की नसें फट जाएंगीसवाल- आप कैसे अगवा की गईं?-  जवाब- बीते साल की छुट्टियों में मुझे किडनैप किया गया। घर के बाहर टहल रही थी। राजू नाम के एक शख्स ने मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाई। थोड़ी देर बाद मैं बेहोश हो गई। होश आने पर मैंने खुद को गाज़ियाबाद में पाया। एक सीलन भरे कमरे में मुझे बांधकर रखा गया था। बिजली भी कभी-कभी रहती थी। लोनी कहते थे उस इलाके को।

सवाल- क्या राजू आपके साथ था?- जवाब- मुझे बेचने के बाद वापस लौट गया। मुझे खरीदा था असलम नाम के एक दलाल ने। डील 50 हजार रुपए में तय हुई थी। सवाल- यह खरीद-फरोख्त आपके सामने हुई?-  जवाब- मैं वापस अपने घर जाने के लिए बार-बार गिड़गिड़ाती थी। तभी असलम ने बताया कि मुझे 50 हजार रुपए में खरीदा गया है। असलम ही मुझे ग्राहकों के पास ले जाता था।

सवाल- कहां-कहां ले जाता था?– जवाब- लगभग आधा दर्जन राज्यों में मुझसे वे’श्यावृत्ति करवाई जा चुकी है। दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक तक में असलम के कस्टमर मौजूद हैं। सवाल- जाने से मना नहीं किया कभी?–  जवाब- शुरू में मना किया तो मेरी पि’टाई की गई। मुझे हमेशा द’हशत में रखने के लिए असलम बेल्ट और छड़ी से पिटाई करता था। मैं मार खाते-खाते थक चुकी थी।

सवाल- फिर?– जवाब- असलम की पूरी टीम है। वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मुझे अलग-अलग राज्यों में भेजता था। 15 से 20 दिन तक मुझे किसी कमरे में बंद रखा जाता। वहीं पर बारी-बारी ग्राहक आते। मेरा रेप करते। एक दिन में 10-10 लोग पहुंचते थे। सवाल- किसी से मदद नहीं मांगी आपने?–  जवाब- हर जगह ग्राहक बहुत सधे हुए थे। ऐसा लगता था कि उन्हें मेरे बारे में सब पता है। मेरे गिड़गिड़ाने का उनपर कोई असर नहीं होता। उनका रवैया देखने के बाद मैंने मदद मांगना भी छोड़ दी।

सवाल- कैसा था रवैया?–  जवाब- बहुत बुरा। मुझे बांध कर रखा जाता था। पंजाब में निर्वस्त्र करने के बाद मेरा हाथ-पांव बांध दिया जाता था। उनमें से ज्यादातर कं’डोम का इस्तेमाल नहीं करते थे। सवाल- क्या आप प्रे’गनेंट भी हुईं?-  जवाब- मुझे हर दिन गो’ली खिलाई जाती थी। जब सारे चले जाते थे, तब असलम का आदमी गो’ली लेकर आता था। सवाल- कैसे-कैसे लोग आते थे?–  जवाब- हर उम्र के होते थे। अधेड़ और बूढ़े भी बराबर आते थे। ज्यादातर बदबू मारते थे। श’राब के न’शे में होते थे। कुछ कमरे में ही पीने के बाद रेप करते थे।

सवाल- उनके काम-धाम बता सकती हैं?– जवाब- मुझे हरिद्वार राजू (असलम के गिरोह की एक सदस्य) लेकर गया था। वहां मैंने उसे कुछ होटल वालों से बात करते सुना। शायद छोटे-मझोले होटलों में ठहरने वालों को मेरी सप्लाई की जाती थी। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी ऐसा था। सवाल- अस्पताल कैसे पहुंचीं?-  जवाब- कई महीनों से मुझे पैरों में दर्द रहने लगा था लेकिन बताने पर भी असलम ने अनसुना कर दिया। दिसंबर में मैंने बिस्तर पकड़ लिया। अपने पैरों पर खड़ी भी नहीं हो सकती थी। असलम ने मुझे गाजियाबाद के एक डॉक्टर को दिखाया जिसने किसी बड़े हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी थी।

सवाल- क्या असलम ही आपको यहां लेकर आया था?- जवाब- वह गाड़ी में बाहर था। उसके आदमी मुझे अंदर तक लाए और छोड़कर वापस चले गए। सवाल- अभी आप ठीक हैं?-  जवाब- काफी बेहतर। अस्पताल में छुट्टी मिलने के बाद शबनम दोबारा दलालों के चंगुल में फंसने वाली थी लेकिन पश्चिम बंगाल पुलिस की सतर्कता से उन्हें बचाया जा सका। शबनम के गायब होने की रिपोर्ट 24 परगना के डायमंड हार्बर पुलिस स्टेशन में लिखी गई थी। तभी से वेस्ट बंगाल पुलिस उन्हें ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी। टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिर की मदद से डायमंड हार्बर पुलिस ने शबनम की लोकेशन ट्रैक कर ली थी।

वेस्ट बंगाल पुलिस ने दिल्ली की संस्था शक्ति वाहिनी से संपर्क किया। पुलिस ने बताया कि 24 परगना से गायब हुई लड़की दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में एडमिट करवाई गई है। इसके बाद शक्ति वाहिनी की टीम हरकत में आ गई। संस्था के प्रेजिडेंट रविकांत कहते हैं कि मासूम बच्चियों को रेस्क्यू करना हमारा काम है लेकिन शबनम जैसे मामले कभी-कभी आते हैं। वेस्ट बंगाल पुलिस से अलर्ट मिलने के बाद हमारी टीम फौरन हॉस्पिटल पहुंची। हमने पाया कि गाल, मुंह और गर्दन पर क’टने के निशान हैं। लड़की अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती है।

डॉक्टरों ने बताया कि लड़की को सेप्टिक अर्थरायटिस बीमारी हो गई है। कमर से नीचे दोनों पैरों में म’वाद भरा था। मवाद निकालने में टाइम लगेगा। लड़की नाजुक हालत में लाई गई थी लेकिन उसे बचा लिया गया है। शबनम के वे’श्यावृत्ति करवाने वाला शख्स असलम भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उसके हौसले इतने बुलंद थे कि वह शबनम से मिलने हॉस्पिटल आ जाता था। वह इंतजार कर रहा था कि जब शबनम की हालत में सुधार हो जाएगा, तो वह उसे अस्पताल से निकाल लेगा। शक्ति वाहिनी को अलर्ट मिलने के बाद टीम और पुलिस ने ट्रैप लगा रखा था। कुछ दिन पहले शबनम को देखने के लिए असलम जैसे पहुंचा, उसे दबोच लिया गया। गाजियाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके डासना जेल भेज दिया है।

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