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लालू के आरोप पर सीबीआइ जज से मांगी रिपोर्ट

रांची: लालू प्रसाद की ओर से सीबीआइ जज पर आरोप लगाए जाने के मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सीबीआइ के विशेष जज से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने जज से 29 जुलाई, 3 अगस्त और दस अगस्त की सुनवाई की रिपोर्ट तलब की है। अब इस मामले की सुनवाई 

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लालू के आरोप पर सीबीआइ जज से मांगी रिपोर्ट25 अगस्त को होगी।

सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद के अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डीजी रैंक के अधिकारी और बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार की गवाही 29 जुलाई को दर्ज होनी थी। लेकिन वे उस समय नहीं पहुंचे। तीन अगस्त को सुनील कुमार चारा घोटाले के एक दूसरे मामले में सीबीआइ कोर्ट में गवाही देने पहुंचे थे। जिसके बाद लालू प्रसाद की ओर से कोर्ट में आवेदन देकर गवाही कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने सुनील कुमार को कटघरे में बुलाया और उनका नाम-पता पूछा। इसके बाद उन्होंने गवाह से जाति पूछी। जाति पूछने के बाद जज ने कहा कि उन्हें 10 अगस्त को समन किया गया था, वह आज कैसे आ गए?

इसके बाद उन्होंने जिस कागज पर उनका नाम-पता नोट किया था, उसे फाड़ दिया। कहा कि सीबीआइ के जज पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और उनसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में रांची में ही दूसरे जज के पास इस मामले को ट्रांसफर कर दिया। लालू प्रसाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने पक्ष रखा। सीबीआइ के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वे पहले भी केस नंबर आरसी 20 में सीबीआइ जज को बदलने की मांग कर चुके हैं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सीबीआइ जज से रिपोर्ट मांगी है।

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गाड़ी को सुरक्षाकर्मियों ने रोका

सीबीआइ कोर्ट में हाजिरी लगाने के बाद लालू प्रसाद सीधे हाई कोर्ट पहुंचे। वहां चार नंबर गेट पर उनकी गाड़ी को सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। इसके बाद वे पैदल ही कोर्ट परिसर में दाखिल हुए। कोर्ट में जाने के लिए लालू प्रसाद कोर्ट पास बनाने वाले काउंटर पर पहुंचे। वहां कर्मचारी ने कहा कि एक पर्ची पर अपना केस नंबर और अधिवक्ता का नाम लिख कर दें। लालू के एक सहयोगी ने सारी प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट पास बनवाया फोटो लेते हो, लेकिन छपता नहीं कोर्ट में सुनवाई के बाद लालू प्रसाद कोर्ट रूम से बाहर निकले। जब वे सीढिय़ों पर पहुंचे तो भीड़ के चलते अंधेरा हो गया।

इसके बाद उनके सहयोगियों ने मोबाइल की रोशनी में उन्हें सीढिय़ों से उतरने में मदद की। इसके बाद लालू रितू कुमार के चेंबर में पहुंचे और वहां पर थोड़ा आराम करने के बाद जैसे ही बाहर निकले मीडियाकर्मियों में धक्कामुक्की होने लगी तो उन्होंने कहा कि संभल के, नहीं तो गिर जाओगे। जब फोटो ली गई तो उन्होंने कहा कि काहे फोटो ले रहे हो, छपता तो है नहीं।

लालू ने लगाई हाजिरी

चारा घोटाले के चार मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू ने देवघर, दुमका, डोरंडा व चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में तीन विशेष कोर्ट में उपस्थित होकर हाजिरी लगाई। लालू के चारों मामले की सुनवाई शनिवार को भी होगी। इसमें लालू की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। उन्हें उपस्थिति से छूट मिल गई है। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि देवघर मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत से लालू प्रसाद को शनिवार को उपस्थिति से छूट मिली है।

आरके राणा की याचिका पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई

हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में चारा घोटाले के आरोपी डॉ. आरके राणा की याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है।

क्या हैं लालू के आरोप

सीबीआइ के जज पूर्वाग्रह से हैं ग्रसित, उनसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में रांची में ही दूसरे जज के पास इस मामले को ट्रांसफर कर दिया जाए। सीबीआइ का पक्ष कोर्ट बदलने की मांग करना लालू की आदत। इससे पहले भी वे ऐसी मांग कर चुके हैं। जब गवाही दर्ज कराने वाले अधिकारी को परेशानी नहीं तो लालू को परेशानी क्यों।

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