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लड़कियां चाहती हैं की लड़के ही करें फर्स्ट अप्रोच

नई दिल्ली : लड़कियों का लड़कों से रिश्ते की शुरूआत करने की उम्मीद करने के पीछे कई कारण हैं, युवतियां चाहती हैं कि रिश्ते की शुरुआत पुरुष ही करे, लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? महिलाओं का सबसे बड़ा डर है रिजेक्शन। आमतौर पर महिलाएं ये सोचती हैं कि क्या होगा अगर वो मुझे सीधे मना कर देगा या फिर वो ये कहे कि उसे मुझ में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं उस स्थिति का सामना कैसे कर पाऊँगी? लोगों को पता चलेगा तो वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे? इसी तरह के ढेरों सवाल हैं जो उनके दिमाग में दौड़ जाते हैं। इसी डर की वजह से वो जिसे पसंद करती है उसे डेट पर चलने के लिए भी नहीं पूछ पाती हैं और खुद को रोक लेती हैं। महिलाओं को कोई जज करे ये उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है और इसी वजह से वो पुरुषों को अप्रोच नहीं कर पाती हैं। दूसरे उनके बारे में क्या सोचेंगे वो इसी डर से खुद को रोक लेती है। ये असुरक्षा की भावना उनके आत्मविश्वास पर भारी पड़ जाती है। कोई भी महिला इस चीज़ से बहुत ज़्यादा डरती है। वो सोचती है कि लड़का ये तो नहीं सोचेगा कि ये मेरे टाइप की लड़की नहीं है क्योंकि मैंने पहला कदम उठाया और उससे जाकर बात की। महिलाओं के मन में हमेशा से ही पुरुष और आसपास के लोगों द्वारा जज किये जाने का भय रहता है। अगर वो पहले से ही रिलेशनशिप में हुआ तो? लड़कियां अगर मगर के कई सवालों से खुद को उलझा लेती हैं। उस शख्स के किसी और के साथ पहले से ही रिलेशनशिप में होने का ख्याल उनके बढ़ते कदमों को रोक लेता है और वो उन्हें रिश्ते की शुरुआत के बारे में पूछ ही नहीं पाती हैं। मौजूदा समय में किसी के पास भी इतना समय नहीं है कि वो अधूरी पर्सनालिटी वाले किसी व्यक्ति से डील करे। ऐसे व्यक्तियों से बात करने में लोग ज़्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। महिलाओं के मन में भी ये डर रहता है इसलिए कई बार वो सिर्फ व्यक्ति के बाहरी आकर्षण से प्रभावित होने के बावजूद उन्हें अप्रोच नहीं करती है। उनके मन ये सवाल दौड़ता रहता है की अगर उसका लुक उसकी पर्सनालिटी से बिल्कुल अलग हुआ तो वो क्या करेगी। अगर वो मेरे या मेरे बीते कल के बारे में पहले से कुछ जानता हो तो? महिलाएं किसी शख्स को देखकर उस से प्रभावित होती हैं लेकिन फिर भी खुद को रोक लेती हैं। वो पहले से मेरे बारे में जानता होगा, बस यही ख्याल लड़कियों को रोक देता है। महिलाएं नकारात्मक होकर सोचने लगती हैं और वो अपने गुज़रे कल के डर में जीती हैं। ज़्यादातर ऐसी स्थिति तब देखने को मिलती है जब वो व्यक्ति आपके ही ऑफिस, कॉलेज या ऐसी ही किसी कॉमन जगह का हो। वो उस शख्स को कई बार देखती हैं और उनके पास जाकर बात करने के बारे में भी सोचती हैं, लेकिन पहले से कोई जानकारी उसे पता होगी, इस डर से वो खुद को रोक लेती हैं।

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