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विधि-विधान से होगा श्राद्ध

shraaddhलखनऊ। पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने और उनकी पूजा अर्चना के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। इन दिनों पितरों की आराधना करने से वह प्रसन्न होते हैं और आर्शीवाद देते हैं। ऐसे में धार्मिक विद्धानों ने कुछ सरल उपाय बताये हैं जिनके जरिए पितरों का श्राद्ध कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इसके लिए सुबह जल्द उठकर स्नान करें। देवस्थान व पितृ पूजा, धूप देने के स्थान को गाय के गोबर से लिपकर व गंगाजल से पवित्र करें। घर आंगन में कुमकुम या सौभाग्य द्रव्यों रौली आदि से रंगोली भी बना सकते हैं। घर की महिलाएं भी स्नान आदि से पवित्र होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं। श्राद्ध का अधिकारी श्रेष्ठ ब्राह्मण या कुल के अधिकारी जैसे दामाद, भतीजा आदि को भोजन के लिए न्यौता देकर बुलाएं। ब्राह्मण से पितरों की पूजा एवं तर्पण आदि कराएं और पितरों के लिए अग्नि में गाय का दूध, दही, घी एवं खीर छोड़कर धूप दें। इस दौरान गाय, कुत्ता, कौआ, चींटी व अतिथि के लिए भोजन से 5 ग्रास निकालें और ब्राह्मण को प्रेम व आदर के साथ भोजन कराएं व मुखशुद्धि, वस्त्र, दक्षिणा आदि से सम्मान करें। क्योंकि माना जाता है कि पितृ भी ब्राह्मण के रूप में या साथ आकर भोजन ग्रहण करते हैं। ब्राह्मणों के स्वस्तिवाचन या वैदिक पाठ करने के बाद यथा शक्ति दान, दक्षिणा देकर मुखिया व परिवार के अन्य सदस्य आशीर्वाद लें।

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