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शादी में दी है ज्वैलरी या प्रॉपर्टी तो रखें दस्तावेज, TAX छूट में मिलेगी मदद

नई दिल्ली : किसी खास अवसर पर हमें उपहार में नकद रकम या आभूषण सगे-संबंधियों से मिलते हैं। आमतौर पर हम उन मिले उपहारों का कोई ब्योरा नहीं रखते हैं लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। अगर आप अपने बेटे को भी उपहार में नकद पैसा दे रहे हैं तो उसका दस्तावेज रखना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नकदी, चेक, प्रॉपर्टी, आभूषण आदि उपहार मिला है तो वह कर योग्य हो भी सकता है। ऐसे में किसी परेशानी से बचने के लिए दस्तावेज रखना जरूरी है। उपहार देने के साथ उसका कागजात बनवाना जरूरी है। यह आप गिफ्ट डीड के जरिए कर सकते हैं। इससे उपहार देने और इसे लेने वाले के पास इसका रिकॉर्ड रहता है।

कानूनी भाषा में गिफ्ट देने वाले को डोनर और पाने वाले को डोनी कहते हैं। इससे वैध दस्तावेजी रिकॉर्ड तैयार हो जाते हैं। गिफ्ट कोई चल या अचल प्रॉपर्टी भी हो सकती है। गिफ्ट डीड के जरिए आप महंगे उपहार जैसे की आभूषण, प्रॉपर्टी या नकद रकम अपने रिश्तेदारों को देकर कर बचत कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल आपके पिता आपको नकद देने की एवज में कर सकते हैं। वहीं पिता के खरीदे फ्लैट का हस्तांतरण अपने नाम कराने पर भी इसका फायदा उठाया जा सकता है। हालांकि, बाद में होने वाली आय पर आपको कर चुकाना पड़ सकता है। गिफ्ट डीड के जरिए प्रॉपर्टी का हंस्तांतरण कर आप दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ/हानि से बच सकते हैं लेकिन आपको कीमत के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी चुकानी होगी। प्रॉपर्टी किस राज्य में इसके अनुसार स्टाम्प ड्यूटी में अंतर हो सकता है।

इसी तरह उपहार के तौर पर नकदी रकम देने में दस्तावेजीकरण जरूरी है। इसका फायदा लेकर भविष्य में आने वाली परेशानियों से बच सकते हैं। रिश्तेदारों से आपको कितना भी धन प्राप्त हो उस पर कर का भुगतान नहीं करना होता है। वहीं गैर रिश्तेदारों से सालभर में 50 हजार रुपये से अधिक मिलता है तो वह आय कर योग्य होता है। इसमें यह बात ध्यान रखें कि उपहार के रूप में 50 हजार रुपये से अधिक मिलता है तो पूरी उपहार राशि ही कर योग्य होगी। इस पर आपको अपने आयकर स्लैब के अनुसार कर चुकाना होगा।

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