BREAKING NEWSNational News - राष्ट्रीय

शारदा चिटफंड घोटाले की जांच की निगरानी से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नईदिल्ली : शारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच की निगरानी से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। चिटफंड मामला सामने आने के बाद निवेशकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी मांग थी कि इस पूरे घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उसे ऐसा नहीं लगता कि इस घोटाले में निगरानी की कोई आवश्यकता है। शारदा चिटफंड स्कैम पश्चिम बंगाल का एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, इस घोटाले में कई बड़े नेताओं का नाम सामने आया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने इनवेस्टरों से वादा किया कि उनकी रकम को 34 गुना करके वापस किया जाएगा। इस लालच में आकर लाखों लोगों ने कंपनी में पैसे इनवेस्ट किए। बाद में करीब 40 हजार करोड़ की हेर-फेर की बात सामने आई। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था। शारदा ग्रुप ने महज 4 सालों में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, उड़ीसा और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अपने 300 ऑफिस खोल लिए। पश्चिम बंगाल की इस चिटफंड कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये लेकर दफ्तरों पर ताला लगा दिया था।
पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी का भी नाम शामिल : इस मामले में पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था, उन पर आरोप है कि उन्होंने शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्तो सेन के साथ मिलकर साल 2010 से 2012 के बीच 1.4 करोड़ रुपये लिए थे।
राजीव कुमार से कैसे जुड़े घोटाले के तार : इन चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम का नेतृत्व 2013 में राजीव कुमार ने किया था। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें गायब कर दिया गया था। इसी सिलसिले में सीबीआई कुमार से पूछताछ करने चाहती है। राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं जबकि एक हजार करोड़ से ज्यादा रुपए रिकवर कर लिए गए हैं।

Related Articles

Back to top button