दस्तक-विशेष

शाह का नया ठिकाना यूपी

देवव्रत
shah upवर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव थे, तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह थे। उस समय अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हुआ करते थे। तब उन्हें राजनाथ सिंह ने यूपी का प्रभारी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। शाह की गिनती नरेन्द्र मोदी के खास सिपहसलारों में होती है। भाजपा यह बखूबी जानती थी कि यूपी फतह किए बिना केन्द्र में सरकार बनाना दूर की कौड़ी होगा। बस इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए अमित शाह ने चुनाव से पहले ही पूरे यूपी को मथ डाला। यह अमित शाह का ही चुनावी रणकौशल था कि भाजपा ने यूपी की 80 लोकसभा सीट में से 73 पर कब्जा किया। इसमें दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल की थी। अब वे स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने एक बार फिर यूपी को अपना ठिकाना बनाया है। इस बार उनके निशाने पर यूपी विधानसभा है, जहां अगले साल चुनाव होना है और भाजपा ने ‘265 प्लस’ का लक्ष्य तय किया है।
उप्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे अमित शाह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक के लिए इलाहाबाद का चयन किया था। इलाहाबाद में प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचे और जनसभा कर चुनावी बिगुल फूंका। अब अमित शाह सीधे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। दरअसल अमित भाई शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव की गलतियों को उप्र में न दोहराने की एक तरह से कसम खा ली है। तभी तो वे लगातार उप्र में ही अपनी सक्रियता बढ़ाये हुए हैं और लगातार बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ संवाद करने से कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं।
बाराबंकी में अवध प्रांत और फिर मेरठ में ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अब श्री शाह ने बस्ती तथा दो जुलाई को वाराणसी और जौनपुर में ऐसे ही कार्यक्रमों को सम्बोधित किया। अपने इन कार्यक्रमों के जरिए वे प्रदेश की अखिलेश सरकार, बीएसपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कार्यकर्ताओं में जोश का संचार कर रहे हैं। साथ ही उन्हें पार्टी की विधानसभा चुनाव के दौरान क्या रणनीति रहेगी, इससे भी अवगत करा रहे हैं। वे यह भी बता रहे हैं कि जनता के बीच जाकर कार्यकर्ताओं को किस तरह से अखिलेश सरकार की नाकामियों, बसपा की कमजोरियों व कांग्रेस की विफलताओं को प्रचारित करने हैं और भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है।
अमित शाह ने केंद्र में पूर्ण बहुमत से पार्टी की सरकार बनवाने का श्रेय उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को देते हुए भरोसा दिलाया है कि उनकी पार्टी राज्य में सपा-बसपा का प्रभावशाली विकल्प देगी। वे पार्टी कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी दोहराने का आह्वान करते हुए भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को दो तिहाई से अधिक सीटें मिलने वाली हैं। वे यह भी अहसास कराने से नहीं चूक रहे हैं कि अखिलेश सरकार केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को नीचे तक पहुंचने में बाधाएं खड़ी कर रही हैं। मोदी सरकार की योजनाएं उत्तर प्रदेश की आम जनता तक नहीं पहुंच पा रही है, क्योंकि बीच में सपा सरकार बैठी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाये बिना मोदी सरकार की तमाम विकास योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पायेगा। अपने कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान शाह स्थानीय मुद्दों को भी बखूबी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में गुण्डाराज, माफियाराज कायम है, भारतीय जनता पार्टी सपा सरकार में व्याप्त अराजकता तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और लडे़गी। उन्होंने साफ संदेश दिया कि 2017 में भाजपा 265 से कम नहीं। सभी कार्यकर्ता अपने-अपने बूथ पर कमल खिलायेंगे।
वास्तव में बीजेपी के एजेंडे में 2017 व 2019 दोनों शामिल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव की तर्ज पर भाजपा ने यूपी चुनाव के लिए त्रिस्तरीय रणनीति का खाका तैयार किया है जिसमें पार्टी के चेहरे के रूप में पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह रैलियां आयोजित करेंगे। यूपी में भाजपा को जनता के दिल-दिमाग पर लाने के लिए 50 रैलियां विधानसभा चुनाव के पहले आयोजित की जायेगी। इन रैलियों को मोदी से लेकर शाह व राजनाथ सम्बोधित कर केन्द्र सरकार के कार्यों व प्रदेश की तस्वीर रखेंगे। इसके अलावा सभी सांसदों को 15 जुलाई तक अपने संसदीय क्षेत्र के सभी ब्लॉकों में एक बैठक करने के निर्देश दिये गये हैं। इन बैठकों में सांसद केन्द्र सरकार द्वारा कराये गये सभी विकास कार्यों की जानकारी देने के साथ ही उन योजनाओं से जनता को जोड़ने की कोशिश करेंगे। पार्टी के सांसदों को शाह ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर लगातार नजर बनाने पर जोर दिया है, जहां लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी बढ़त हासिल हुई थी।
दरअसल, भाजपा यूपी की सभी 403 विधान सभा क्षेत्रों में त्रिस्तरीय प्रचार अभियान चलाएगी। शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों को कानून व्यवस्था के हर मामले को जोरदार तरीके से उठाने को कहा है। इनमें बडे़ अपराधों को सूचीबद्ध कर जनता के बीच ले जाने के निर्देश दिए हैं। प्रत्याशियों का चुनाव स्थानीय समीकरणों के हिसाब से तय होगा। युवा और महिला प्रत्याशियों को भी शामिल किया जायेगा। टिकट बंटवारे में स्थानीय समीकरणों के अलावा सभी वर्ग को तरजीह दी जायेगी। भाजपा विकास को एजेंडा बनाकर चुनाव लड़ेगी। 

Related Articles

Back to top button