Lucknow News लखनऊPolitical News - राजनीतिTOP NEWS

सपा अध्यक्ष अखिलेश के पास करोड़ों का आलिशान बंगला, फिर भी नहीं छोड़ रहे सरकारी आवास

लखनऊ : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव को 15 दिन में सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। इनमें से भाजपा नेता व केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकारी बंगला खाली कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह भी बंगला खाली करने लगे हैं। मुलायम सिंह यादव मकान खोज रहे हैं। नारायण दत्त तिवारी भी बंगला छोड़ने का उपक्रम कर रहे हैं। मायावती ने अपना सरकारी बंगला बचाने के लिए वह दाव चला है जिससे राज्य की भाजपा सरकार डर जाए और उनका सरकारी बंगला खाली नहीं करा पाए। इसके लिए मायावती ने अपने सरकारी आवास 13ए माल एवेन्यू लखनऊ के मुख्य द्वार पर लगा अपना नाम पत्र हटवा कर बंगले पर कांशी राम जी यादगार विश्रामालय स्थल का बोर्ड लगवा दिया है। कहा जाता है कि मायावती ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान उस आवास को अपने रहने लायक बनाने के लिए बहुत काम कराया। काशी राम के नाम का बोर्ड वाला मकान खाली कराने पर दलित, भाजपा से नाराज हो जाएंगे। माया ने इस सोच व रणनीति के तहत यह किया है। अब देखना है कि माया के मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार क्या करती है। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश मानकर खाली कराती है या दलित वोट नाराज होने के चक्कर में माया की माया के आगे घुटने टेक देती है। इधर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की हालत यह है कि वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2 साल तक बंगला खाली नहीं करना चाहते हैं। इसके लिए जो तर्क दे रहे हैं वह तर्क राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह सहित लगभग सभी के लिए लागू होता है लेकिन इन राजनाथ सिंह व कल्याण सिंह सरकारी बंगला खाली कर रहे हैं जबकि अखिलेश का लखनऊ के पास कालोनी में करोड़ों रुपए का आलिशान बंगला है फिर भी वह सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे हैं। इस बारे में वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी का कहना है कि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सी.बी.आई. ने न्यायालय में जो रिपोर्ट लगाई है उसमें कहा गया है कि अखिलेश और उनकी पत्नी डिम्पल के संयुक्त नाम से लखनऊ में 23,872 वर्ग फीट की बड़ी कोठी है जिसका पता है 1-ए विक्रमादित्य मार्ग, हजरत गंज, लखनऊ। इसके अलावा इसी शहर में और भी कई महंगी सम्पत्तियां हैं। इसके बावजूद यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को नहीं मानना चाहते हैं और किसी भी तरह से सरकारी बंगले में बने रहना चाहते हैं।

Related Articles

Back to top button