राष्ट्रीयव्यापार

सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर हुआ मजबूत

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपया आज 29 पैसे टूटकर 70.19 के स्तर पर खुला है। खुलने के बाद रुपया 70.31 के स्तर तक टूटा है, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। हालांकि नए रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसलने के बाद पिछले कारोबारी दिन रुपये में निचले स्तर से रिकवरी देखने को मिली थी, और मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 4 पैसे की बढ़त के साथ 69.89 के स्तर पर बंद हुआ था। 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 152 अंक की गिरावट के साथ 37,700 के स्तर पर रहा| वहीं निफ्टी 38 अंक लुढ़क कर 11,397 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।

मेटल, बैंकिंग, एफएमसीजी और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली का दबाव नजर आ रहा है। बैंक निफ्टी 0.6 फीसदी गिरकर 27,850 के नीचे फिसल गया है। हालांकि फार्मा और आईटी शेयरों में अच्छी खरीदारी देखने को मिल रही है। अगर बात करे कुछ दिग्गज शेयरों की, वेदांता, हिंडाल्को, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, यस बैंक, टाटा स्टील और अदानी पोर्ट्स 4-0.9 फीसदी तक गिरे हैं। मिडकैप शेयरों में जिंदल स्टील, एनएलसी इंडिया, राजेश एक्सपोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल 2.6-1.75 फीसदी तक लुढ़के रहे। स्मॉलकैप शेयरों में इंट्रासॉफ्ट टेक, मंगलम ड्रग्स, डीआईसी इंडिया, बीजीआर एनर्जी और कोहिनूर फूड्स 20-6.1 फीसदी तक टूटे हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपया 72 के पार जा सकता है। जबकि आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पूरी संभावना है, कि डॉलर आने वाले दिनों में काफी मजबूत होगा। रुपये में ज्यादा गिरावट होने से सबसे पहला असर महंगाई पर पड़ेगा। तुर्की की मुद्रा लीरा में हुई गिरावट के चलते भारत सहित कई देशों की मुद्रा गिर गई है। इसकी वजह से डॉलर काफी मजबूत हो गया है। भारत में रुपया 72 के पार जा सकता है। वैश्विक बाजार में डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। अगले महीने अमेरिका में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को बढ़ा सकता है। अजय केडिया ने कहा, कि इससे कच्चा तेल और महंगा हो जाएगा| जिससे देश में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, पीएनजी के दामों में इजाफा हो सकता है। इससे खाद्य पदार्थों में भी आग लग सकती है। कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत को ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ेगा| जिसका असर आगे आने वाले दिनों में देखना पड़ेगा। एचडीएफसी बैंक के इकोनॉमिक एक्सपर्ट अभीक बरूआ ने कहा, कि इसका असर सितंबर और अक्टूबर महीने में देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकता है। बरूआ ने कहा, कि रुपये में थोड़े दिनों के लिए अनिश्चिता का माहौल रहेगा। इसलिए ऐसे समय में एफआईआई जापान और अमेरिका जैसे देशों में डॉलर को भारत से निकालकर जमा कर सकते हैं।

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