उत्तर प्रदेशराजनीति

समाजवाद की तारीफ कर अखिलेश-मुलायम पर बरसे सीएम योगी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समाजवादी विचारों की तारीफ की लेकिन परिवारवाद का जिक्र कर इशारों-इशारों में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधा और समाजवाद के नाम पर फैलाए जा रहे जातिवाद और गुंडागर्दी को बेनकाब करने की बात कही।समाजवाद की तारीफ कर अखिलेश-मुलायम पर बरसे सीएम योगी
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग आज समाजवादी होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन समाजवादी विचारधारा की आदर्श प्रतिमूर्ति के रूप में चन्द्रशेखर को ही रखा जा सकता है। सार्वजनिक जीवन में उन्होंने मूल्यों व आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया। परिवारवाद, जातिवाद व गुंडागर्दी को बढ़ावा देना समाजवाद नहीं है।

मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर की 11वीं पुण्यतिथि पर विधान भवन के सेंट्रल हॉल में रविवार को चन्द्रशेखर ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ‘राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर : संसद में दो टूक, भाग-दो’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।

चन्द्रशेखर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, उन्होंने हमेशा गरीब, किसान, मजदूर एवं वंचित वर्गों के कल्याण और हितों के मुद्दे पर संसद में आवाज बुलंद की। देश में संसदीय परंपराओं को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। युवा तुर्क के नाम से विख्यात चन्द्रशेखर ने पद व प्रतिष्ठा के बजाय हमेशा भारतीय परंपरा और राष्ट्र की मर्यादा को तरजीह दी। वे हमेशा बिना लाग-लपेट के संसद में बेबाकी से अपनी बात कहते थे। चन्द्रशेखर का मानना था कि फैसला हमेशा हौसले से लिया जाता है।

दरअसल, ‘राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर : संसद में दो टूक, भाग-दो’ पुस्तक चंद्रशेखर ट्रस्ट की ओर से रिलीज की गई है। जिसके संयोजक चंद्रशेखर के शिष्य और भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह हैं।
ट्रस्ट पिछले छह वर्षों से पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि पर एक पुस्तक रिलीज करता है। यशवंत सिंह सपा से एमएलसी थे और मुख्यमंत्री योगी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। जब वो सपा में थे तो पुस्तक का विमोचन मुलायम व अखिलेश करते थे। इस बार मुख्यमंत्री योगी ने ये जिम्मेदारी निभाई।

विधानभवन में आयोजित समारोह में प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वामी प्रसाद मौर्य, रमापति राम शास्त्री आदि मौजूद रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने की।

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