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समिट के बहाने एजेंडा सेट कर गए मोदी, सियासी संदेश के साथ योगी को सौंपा टास्क

मौका तो शुद्ध रूप से उप्र में उद्योग और रोजगार के नए दरवाजे खोलने और अवसर बढ़ाने का था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी बहाने भविष्य का एजेंडा भी सेट कर दिया। युवकों को रोजगार, किसानों की समस्याओं का हल, क्षेत्रीय विकास के साथ संस्कृति को सम्मान और उसके सहारे उत्पन्न होने वाले अवसरों तथा क्षेत्रीय स्वाभिमान जगने से मिलने वाली ताकत का ध्यान दिलाते हुए उन्होंने राम, कृष्ण, ताजमहल, गंगा और सरयू के सहारे यह समझाने की कोशिश की कि यह विविधता ही इस राज्य की बड़ी और विशिष्ट ताकत है। इनके सही इस्तेमाल से उप्र देश का सबसे समृद्ध राज्य बन सकता है।इन्वेस्टर्स समिट के बहाने एजेंडा सेट कर गए पीएम मोदी, सियासी संदेश के साथ योगी को सौंपा टास्क

 

उन्होंने कहा, इन कामों से रोजगार के अवसर सृजित होंगे। ठीक से काम हो जाए तो 2019 और 2022 की चुनौतियों से पार पाना भी आसान रहेगा। संकेतों में ही सही मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी के कंधों पर यह भार भी छोड़ दिया कि इसके लिए न सिर्फ उन्हें बल्कि उनकी सरकार को पूरी क्षमता से जुटना होगा। उप्र की मेहनत सिर्फ इस राज्य की तरक्की के रास्ते ही नहीं खोलेगी बल्कि देश की उन्नति का मार्ग भी खुलेगा।

इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ उद्यमियों को यूपी में निवेश के सुरक्षित और लाभदायक होने का भरोसा दिलाया बल्कि प्रदेश वासियों को केंद्र और प्रदेश में एक ही दल की सरकार होने का फायदा भी समझाया। चुनाव के दौरान अपने भाषण की याद दिलाते हुए कहा, ‘मैं चुनाव में कहता था कि डबल इंजन होंगे तो ज्यादा पावर मिलेगी। विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। आज यह दिख रहा है।’ एक तरह से मोदी ने यह संदेश देने की कोशिश की कि केंद्र और राज्य में एक सरकार होने का लाभ प्रदेश में इतने बड़े निवेश और रोजगार के अवसर के रूप में सामने आया है।

मंतव्य साफ था कि यूपी में आज हो रही शुरुआत को शिखर पर पहुंचाने के लिए आगे भी यहां के लोगों को प्रदेश और केंद्र में एक ही दल की सरकार को प्राथमिकता देनी होगी। यानी, लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता सौंपना विकास की गारंटी होगी। विकास और रोजगार के सहारे 2019 के चुनावी रण की मुख्य जमीन यूपी होगी।

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