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सरकार ने किये ये बड़े बदलाव, जिनसे बदले यूपी में शिक्षा के हालात

उत्तर प्रदेश 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं आज से शुरू हो गई हैं. पिछले साल नकल पर नकेल कसने में बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद इस बार भी परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इससे पहले भी यूपी सरकार ने प्रदेश में पढ़ाई के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई कार्य किए हैं. जानते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने आखिर कौन-कौन से अहम कदम उठाए हैं…

सरकार ने किये ये बड़े बदलाव, जिनसे बदले यूपी में शिक्षा के हालाततैयार किया नया सॉफ्टवेयर

इस बार उत्तर पुस्तिकाओं में बदलाव होने से बचने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया है, जिससे पूरी प्रोसेस पर नजर रखी जाएगी. साथ ही एक चार स्टेप वाला प्रोसेस तैयार किया गया है, जिस प्रक्रिया के तहत कॉपियों का बंटवारा किया जाएगा और उन्हें जांची जाएगा. साथ ही कॉपियों पर कोड लगाए जाएंगे और पेपर के सेट भी बनाए जाएंगे.

समय पर परीक्षाएं और नतीजे

योगी सरकार परीक्षाओं के सही समय पर आयोजन करने और परीक्षा खत्म होने के कुछ दिन बाद ही नतीजे जारी करने में सफल हुई है. पिछले साल भी सरकार ने तय समय परीक्षा का आयोजन कर जल्द ही नतीजे जारी किए थे, जिसकी वजह से 12वीं के बाद पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को कहीं एडमिशन लेने में दिक्कत ना हो. इस बार भी परीक्षा का आयोजन फरवरी में किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि परीक्षा के रिजल्ट भी जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे.

नकल पर लगाई लगाम- सरकार का दावा रहा है कि बोर्ड ने नकल पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है. सरकार की ओर से नकल रोकने के लिए उठाए गए कदम की वजह से पिछले साल भी नकल पर नकेल की वजह से 10 लाख परीक्षार्थियों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी थी. इस वजह से इस बार भी नकल के डर से कम लोगों ने आवेदन किया है. इस बार भी उम्मीदवारों की संख्या में 9 लाख की कमी हुई है.

एनसीईआरटी कोर्स- यूपी बोर्ड ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए एनसीईआरटी कोर्स लागू करने की योजना भी बनाई है. पिछले साल जनवरी में किए गए इस फैसले में कहा गया था कि अब यूपी बोर्ड के विद्यार्थी भी एनसीईआरटी कोर्स की पढ़ाई भी करेंगे.

विदेशी भाषा- हर बोर्ड परीक्षा में एक विषय थर्ड लैंग्वेज का भी रखता है और यूपी बोर्ड में ऐसा था. हालांकि अब इन भाषाओं में विदेशी भाषाओं को जोड़ने की बात भी सामने आ रही है. इससे यूपी बोर्ड से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी अब विदेशी भाषाओं की पढ़ाई कर सकेंगे.

पास होंगे परीक्षा केंद्र- यूपी बोर्ड में पहले परीक्षा केंद्र को लेकर काफी दिक्कत होती थी, लेकिन अब सरकार की नई नीति के अनुसार उम्मीदवारों का परीक्षा केंद्र 20 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं होगा.

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