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सर्वे में बड़ा खुलासा: दुनिया में आत्महत्या करने वाली हर तीसरी महिला है भारतीय

भारतीय महिलाओं को लेकर दुनियाभर में किए गए एक सर्वे में बुरी खबर आई है। इसमें कहा गया कि साल 2016 में दुनिया भर में जितनी भी महिलाओं ने आत्महत्या की उनमें ज्यादातर भारतीय महिलाएं थीं।

आंकड़ों के मुताबिक 2016 में आत्महत्या करने वाली हर तीसरी महिला भारतीय थी। साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि 2016 में विश्व की कुल जनसंख्या में 18 फीसदी लोग भारतीय हैं।

भारतीय महिलाओं के मामले में ये आंकड़ा 37 फीसदी रहा जबकि पुरुषों में 24.3 फीसदी। यह बात लैंसट पब्लिक हेल्थ जनरल में प्रकाशित हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर शादीशुदा महिलाएं शामिल हैं। रिसर्च से जुड़ी एक शोधकर्ता ने कहा कि भारतीय परिवेश ये माना जाता है कि महिलाओं के लिए शादी अपेक्षाकृत कम सुरक्षा के भाव से जुड़ा होती है।

ये हैं मुख्य कारण

महिलाओं के आत्महत्या करने के मुख्य कारण हैं कम उम्र में शादी, कम उम्र में मां बन जाना, अरेंज मैरिज, पति और सास द्वारा प्रताड़ित करना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न होना।

इन सभी कारणों से महिलाएं मानसिक रूप से कमजोर हो जाती हैं। इस तनाव से उभरने के लिए उनके पास न तो कोई साधन होता है और न ही कोई उनकी मदद करता है।

रिपोर्ट के अनुसार साल 1990 के बाद से ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 1990 से लेकर 2016 तक इसमें 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2016 में भारत में अनुमानित तौर पर 2,30,314 लोगों ने आत्महत्या की थी।

कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। वहीं पुरुषों के मामले में केरल और छत्तीसगढ़ सबसे आगे हैं।

भारत में प्रति 1 लाख में से 15 महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं। ये आंकड़ा 1990 में प्रति लाख पर 7 था। तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी तेजी से ये घटनाएं बढ़ रही हैं।

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