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सलाइन वॉटर मिलाकर बनाते थे नकली खून, एसटीएफ ने सात को दबोचा

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में खून के काले कारोबार का खुलासा करते हुए सात लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोग मानव रक्त में सलाइन वॉटर मिलाकर दो यूनिट खून को तीन यूनिट बनाते थे और उसे 3500 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेच देते थे। पकड़े गए आरोपी इस मिलावटी खून को लखनऊ के कई हॉस्पिटलों और ब्लड बैंकों में बेचते थे। 15 दिनों की रेकी के बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गुरुवार रात बहुत ही गोपनीय ढंग से मड़ियांव स्थित मेडिसिन एंड ब्लड बैंक हॉस्पिटल और बीएनके हॉस्पिटल पर छापा मारा। इसके बाद कई यूनिट खून के साथ गैंग के सरगना मोहम्मद नसीम और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने ब्लड के नमूनों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। यह गैंग बहुत ही शातिराना तरीके से यह धंधा लंबे समय से चला रहा था। सामान्य मानव रक्त में सलाइन वॉटर मिलाकर नकली खून बनाया जाता था। इसके बाद एक यूनिट मानव रक्त से दो यूनिट नकली खून तैयार करते थे। मिलावटी खून तैयार होने के बाद उसे कई बड़े अस्पतालों के फर्ज़ी ब्लड डोनेशन फार्म दिखाकर बेचते थे। एक यूनिट खून की कीमत 3500 रुपए तक वसूली जाती थी। गैंग सरगना नसीम अपने घर से मिलावटी खून बनाने का काम करता था। एसटीएफ ने बीएनके ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट को भी गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के अनुसार, मड़ियांव में यह काला कारोबार काफी लंबे समय से चल रहा था। एसटीएफ ने करीब 15 दिनों तक ब्लड बैंक की रेकी की। सबूत और साक्ष्य जुटाने के बाद एसटीएफ के डिप्टी एसपी अमित नागर के नेतृत्व में गुरुवार देर रात तक छापेमारी जारी रही। कहा जा रहा है कि इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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