फीचर्डराष्ट्रीय

सीआरपीएफ जवानों की मौत का जिम्मेदार कौन, कहीं ये इंटेलीजेंस की नाकामी तो नहीं?

सीआरपीएफ जवानों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या इसके लिए रोड ओपनिंग पार्टी और इंटेलीजेंस की नाकामी तो नहीं है? यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। कश्मीर स्थित सीआरपीएफ के एक अधिकारी का दावा है कि आतंकवादियों का यह हमला सीधे तौर पर रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) का फेल्योर है।

सीआरपीएफ जवानों की मौत का जिम्मेदार कौन, कहनी ये इंटेलीजेंस की नाकामी तो नहीं?अवंतिपोरा के गरीपोरा इलाके में जहां यह घटना हुई है, वहां पहले से ही आतंकी हमले का इनपुट मिलता रहा है। इसके बावजूद सीआरपीएफ क़ाफ़िले को रवाना करते वक्त लापरवाही बरती गई।लोकल इंटेलीजेंस एजेंसी को इस आतंकी हमले की भनक नहीं लग सकी। यह भी सामने आ रहा है कि जहां ये हमला हुआ है, उस इलाके में कुछ समय के लिए ट्रैफ़िक बंद रहा था।

बता दें कि सीआरपीएफ का क़ाफ़िला जब एक जगह से दूसरी जगह पर जाता है तो संबंधित इलाके में तैनात आरओपी उसे हरी झंडी देती है। आरओपी की जिम्मेदारी होती है कि वह सड़क के उस हिस्से को सुरक्षित करे, जहां से सुरक्षा बलों का काफ़िला गुजरता है। आरओपी में हर जगह पर अलग अलग फोर्स के जवान लगे रहते हैं।

इसमें सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल होते हैं। सीआरपीएफ सूत्रों का कहना है कि आईईडी ब्लास्ट के अलावा आतंकियों ने एक विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी भी सीआरपीएफ बस से टकराई है। जब आईईडी ब्लास्ट हुआ तो उसके बाद चारों तरफ से आतंकियों ने घायल जवानों पर फायरिंग कर दी।

सबसे बड़ी लापरवाही इसमें आरओपी और इंटेलीजेंस की मानी जा रही है। इन दोनों एजेंसियों को आतंकी हमले की खबर नहीं लग सकी। अगर रोड ओपनिंग पार्टी और इंटेलीजेंस उस जगह पर नजर रखते तो इस हमले को टाला जा सकता था। सीआरपीएफ के एक स्पेशल डीजी ने स्वीकार किया है कि हमले का निशाना बनी सीआरपीएफ जवानों की बस और दूसरे वाहनों के बीच फासला हो गया था।

आतंकवादी एक साथ कई वाहनों को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन दूसरे वाहन थोड़ा पीछे रह गए। जिस गाड़ी में विस्फोटक सामग्री भरी थी, उसे सामने की ओर से क़ाफ़िले में घुसाया गया था। इससे बस चालक को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। हमले के बाद सीआरपीएफ बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं।

Related Articles

Back to top button