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सोने के आयात में 7 फीसद की गिरावट, कारोबारी घाटा कम करने के मोर्चे पर सरकार को मिली राहत

चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर, 2019) में सोने का आयात 6.77 प्रतिशत घटा है। इससे सरकार को चालू खाता घाटा (सीएडी) के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में 2,300 करोड़ डॉलर (1.61 लाख करोड़ रुपये) मूल्य के सोने का आयात हुआ है। एक वर्ष पहले की समान अवधि (अप्रैल-दिसंबर, 2018) में यह 2,473 करोड़ डॉलर मूल्य का रहा था।

मंत्रालय के मुताबिक सोने के आयात में इस गिरावट से समीक्षाधीन अवधि में सरकार का कारोबारी घाटा 11,800 करोड़ डॉलर (8.26 लाख करोड़ रुपये) रह गया है। एक वर्ष पहले की समान अवधि में यह 14,823 करोड़ डॉलर रहा था। सोने के आयात में पिछले वर्ष जुलाई से गिरावट हो रही है। हालांकि अक्टूबर और नवंबर में यह बढ़ गया था, लेकिन दिसंबर में फिर इसमें चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई। समीक्षाधीन अवधि में जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात भी 6.4 प्रतिशत गिरकर 2,790 करोड़ डॉलर (1.95 लाख करोड़ रुपये) रह गया।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक है। आयात के बड़े हिस्से का उपयोग ज्वैलरी की घरेलू मांग की आपूर्ति में किया जाता है। भारत सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है। सोने के आयात का चालू खाता घाटे पर नकारात्मक असर को रोकने के लिए ही सरकार ने पिछले वर्ष आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था।

जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने आयात शुल्क घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग की है। कारोबार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए काउंसिल पिछले कुछ समय से इस तरह की मांग करती रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में वैल्यू के लिहाज से सोने का आयात 3,280 करोड़ डॉलर मूल्य का रह गया।

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