उत्तर प्रदेश

स्कूलों में स्वेटर तक नहीं बांट पाई योगी सरकार, ठंड में मरने को मजबूर बच्चे

सर्दियां शुरू हो गई हैं लेकिन यूपी के बेसिक स्कूलों में सरकार अभी स्वेटर नहीं बांट सकी है. लिहाजा, बिना स्वेटर पहने स्कूल पहुंचे बच्चों को ठंड की मार झेलनी पड़ रही है. यूपी की योगी सरकार ने जो आंकड़ा पेश किया है, उसके मुताबिक 50 लाख से ज्यादा बच्चों को स्वेटर नहीं बांटे जा सके हैं.

स्कूलों में स्वेटर तक नहीं बांट पाई योगी सरकार, ठंड में मरने को मजबूर बच्चेयूपी सरकार ने 31 अक्टूबर तक 1.60 लाख स्कूलों में स्वेटर बांटने की समय सीमा तय की थी. बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के तहत आने वाले स्कूलों में तकरीबन डेढ़ करोड़ बच्चे पढ़ते हैं. इनमें 38 प्रतिशत बच्चों को स्वेटर नहीं बांटा जा सका है जिस कारण वे ठंड से परेशानी झेल रहे हैं.

ठंड से ठिठुरते बच्चे

स्वेटर वितरण योजना की पड़ताल की और लखनऊ स्थित मदिआंव के बेसिक स्कूल में पहुंची. यहां पता चला कि स्वेटर बांटने का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ है. ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए पांचवीं क्लास के छात्र मोहित ने कहा, ‘हम सुबह साढ़े आठ बजे स्कूल आते हैं. वादा करने के बावजूद हमें स्वेटर नहीं दिया गया. हमें ठंड लगती है. कब तक गर्म कपड़े मिलेंगे, इस बारे में स्कूल प्रशासन भी कुछ नहीं बता रहा.’

चौथी क्लास में पढ़ने वाली चांदनी ने भी कुछ ऐसा ही कहा. उसने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘सर्दी शुरू हो गई है लेकिन हमें स्वेटर के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. स्कूल में किसी बच्चे को स्वेटर नहीं मिला. हम सर्दी में ठिठुरने के लिए मजबूर हैं.’ मदिआंव के एक स्कूल में हालांकि कुछ बच्चों को स्वेटर मिला है लेकिन कई बच्चे अभी भी इंतजार कर रहे हैं.

आठवीं क्लास के एक बच्चे अरुण से भी ‘इंडिया टुडे’ ने बात की. उसने कहा, ‘चार दिन पहले मुझे स्वेटर मिला. हमारे स्कूल में 16 नवंबर से स्वेटर बांटने का काम शुरू हो गया है.’ इटावा जिले में भी सभी बच्चों को सर्दी के कपड़े नहीं मिल पाए हैं और स्कूल प्रबंधन की ओर से मात्र 50 फीसदी बच्चों को ही स्वेटर दिए गए हैं.

लखनऊ के लुहन्ना इलाके में प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने कहा, ‘मैं स्वेटर नहीं पहन पा रहा क्योंकि स्कूल से मुझे मिला नहीं है. सर्दियां शुरू हो गई हैं इसलिए हमें काफी ठंड लगती है.’ इस स्कूल की प्रिंसिपल कविता राजपूत ने कहा, ‘इस स्कूल के कुल 180 बच्चों में 80 को स्वेटर दे दिया गया है. बाकी बचे बच्चों को जल्द कपड़े वितरित किए जाएंगे.’

पिछले साल भी हुई थी देरी

पिछले साल भी ऐसी ही देरी हुई थी और सरकार फरवरी अंत तक सभी स्कूलों में स्वेटर बांट पाई थी. इस देरी पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा, ‘पिछले साल भी बच्चों को ठंड में ठिठुरते हुए छोड़ दिया गया और संबंधित मंत्री ने इसका ठीकरा जिलाधिकारियों के माथे मढ़ दिया. इस साल भी काफी देर हो चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काम पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो प्रदेश की जनता अगले चुनाव में कड़ा सबक सिखाएगी.’

स्वेटर वितरण में देरी पर यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं कि पिछली सरकार को ठिठुरते बच्चों की चिंता क्यों नहीं थी. पिछले साल देरी हुई थी लेकिन इस साल अधिकांश बच्चों को स्वेटर बांट दिए गए हैं. बहुत जल्द 100 फीसदी का टारगेट पा लिया जाएगा. प्रदेश में शिक्षा की हालत सुधारने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार काफी फिक्रमंद है.’

17 जिलों में 50 प्रतिशत काम अधूरा

प्रदेश के 17 जिले ऐसे हैं जहां के स्कूलों में 50 प्रतिशत स्वेटर का वितरण नहीं हो सका है. यह आंकड़ा यूपी बेसिक एजुकेशन डिपार्टमेंट के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने जारी किया है. यह 19 नवंबर तक का आंकड़ा है. सबसे खराब हालत सिद्धार्थ नगर जिले की है जहां 19.38 प्रतिशत स्वेटर ही बांटे गए हैं. यही हाल मथुरा, अलीगढ़, सोनभद्र, ललितपुर, शाहजहांपुर और सीतापुर जिले का भी है जहां 30-35 प्रतिशत तक वितरण का काम पूरा हो पाया है. यूपी सरकार ने अपने आंकड़े में 63.33 प्रतिशत बच्चों को स्वेटर बांटने का दावा किया है.

Related Articles

Back to top button