उत्तर प्रदेशजीवनशैलीब्रेकिंगलखनऊ

यूपी में इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए शिक्षकों का टोटा

लखनऊ। लेखक फणीश्वर नाथ रेणु की एक कहानी ‘पंचलाइट’ की कथा युपी कॉन्वेंट स्कूलों पर एकदम फिट बैठ रही जो किसी तरह जुर्माने की रकम से पेट्रोमैक्स (लालटेन) तो ले आते है मगर पूरी पंचायत में उसे जलने का तजुर्बा किसी को नहीं होता है। कुछ ऐसा ही हल है यूपी के कॉन्वेंट स्कूलों का। जिसने भविष्य की बुनियाद मज़बूत करने के लिए राजधानी में 45 सरकारी इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल तो खोल दिए, मगर स्कूलों के लिए इंग्लिश मीडियम अध्यापक ही नहीं मिल रहे। यह इंग्लिश मीडियम स्कूल शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। छह महीने बीत जाने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग इंग्लिश मीडियम के स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षक तक नहीं दे सका। विभाग के अधिकारी ने भी कबूल किया है की शिक्षक की कमी से इंग्लिश मीडियम से बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत हो रही है। शासन के आदेश पर बीते एक अप्रैल से शुरू हुए शैक्षिक सत्र में हर ब्लॉक से पांच-पांच सरकारी प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम से संचालित किया जाने लगा। प्रत्येक स्कूल में इंग्लिश मीडियम से बच्चों को पढ़ाने के लिए एक हेड व चार सहायक अध्यापक के पद सृजित है। इसके लिए बीते अप्रैल में इच्छुक शिक्षकों से आवेदन लेकर इंटरव्यू के माध्यम से उनका चयन किया गया, लेकिन कई बार आवेदन प्रक्रिया करने के बाद भी बीएसए कार्यालय 225 के सापेक्ष करीब 170 शिक्षक ही चयनित कर सका। नतीजा, कई जगह एक भी शिक्षक नहीं मिल पाए तो कहीं एक शिक्षक या शिक्षामित्र के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने कहा कि कुछ स्कूलों में अंग्रेजी विषय से पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है। इसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में पद खाली हैं, वहां से 2 से 3 किमी के दायरे में आने वाले प्राइमरी स्कूलों के उन शिक्षकों से आवेदन लें। जो इंग्लिश मीडियम से पढ़ाने के इच्छुक हों। अगर शिक्षक न मिलें तो अपने स्तर से प्रस्ताव भेज दें। निराला नगर के इंग्लिश मीडियम बनने के बाद पांच शिक्षकों की तैनाती के दावे किए गए थे। आलम यह है कि करीब 102 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सिर्फ एक शिक्षिका और दो शिक्षा मित्र पर है। वहीँ मोहनलालगंज के इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल भद्दीर्सिस में 124 बच्चों को पढ़ाने के लिए एक हेड मास्टर सहित पांच शिक्षक की तैनाती होनी थी, लेकिन छह महीने बाद भी एक भी इंग्लिश मीडियम से पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं भेजे गए। अब स्कूल हिन्दी मीडियम के गुरुजनों के भरोसे बच्चे हैं। करोरा में भी इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिए करीब 152 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक तैनात है, जबकि पांच शिक्षक होने चाहिए। ऐसे में हिन्दी मीडियम के शिक्षकों को लगा दिया गया है।

Related Articles

Back to top button