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स्वच्छ भारत जैसी इन 6 अहम योजनाओं पर नहीं हुआ पैसा खर्च

संसद की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 6 प्रमुख योजनाओं के लिए पैसा खर्च नहीं हो रहा है। इससे यह साबित हो रहा है जमीनी स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। समिति ने इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय को भी आड़े हाथों लेकर उसकी खिंचाई की। 

 

सरकार ने खारिज की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने संसदीय समिति की रिपोर्ट खारिज कर दिया है लेकिन शहरी विकास पर बनी कमेटी ने कहा है कि इन योजनाओं के लिए आवंटित किए गए 5.6 बिलियन डॉलर में से केवल 21 फीसदी राशि यानी 1.2 बिलियन डॉलर ही खर्च किए गए हैं। 

स्मार्ट सिटी के लिए खर्च हुई केवल 1.8 फीसदी राशि
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक स्मार्ट सिटी में केवल 1.8 फीसदी धनराशि को ही खर्च किया गया है। सरकार ने इसके लिए 1.5 बिलियन डॉलर का प्रावधान किया था जिसमें से केवल 28 मिलियन डॉलर पैसा ही खर्च किया गया है। कुछ ऐसा ही हाल अन्य योजनाओं जैसे कि पीएम आवास योजना और स्वच्छ भारत का रहा, जहां पर 30 फीसदी से कम आवंटित राशि का उपयोग किया गया है। 

इस वजह से नहीं हुआ पैसे का उपयोग
रिपोर्ट में जिन महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों का जिक्र किया गया वे स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, अटल मिशन फॉर रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन( अमृत), हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑगमेंटेशन योजना( हृदय), नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना( पीएमएवाई) हैं। संसदीय समिति ने इसको लेकर के शहरी विकास मंत्रालय की खिंचाई भी की है, क्योंकि उसने राज्य सरकारों के सामने किसी भी तरह की प्लानिंग या फिर प्रजेंटेशन पेश नहीं किया है। 

 

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