लखनऊ : राजधानी में दसवीं मुहर्रम पर माथे पर तिलक लगाए खूनी मातम करते हुए स्वामी सारंग भी नजर आए। वे शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद सहित बड़ी संख्या में अन्य मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के साथ जुलसू में शामिल थे। वे विक्टोरिया स्ट्रीट पर हुए इस आयोजन में शामिल हुए और गमे हुसैन में अपनी पीठ पर कमां और जंजीर जानी चलाए। साथ ही उन्होंने सभी धर्म के लोगों से इन आयोजनों में शरीक होने की अपील भी की।उन्होंने गुरुवार को ही ऐलान किया था कि वे आशरे के जंजीरी मातम के जुलूस में शामिल होंगे। इस दौरान उन्होंने इमाम हुसैन अ.स. खिराजे अकीदत पेश किया। उनके मातम के समय बड़ी संख्या में शिया समुदाय मौजूद रहा।उन्होंने कहा कि वे इमाम हुसैन की शहादत के गम में अपना खून इसलिए बहाने आए हैं क्योंकि हुसैन ने मानवता के लिए अपना जीवन समर्पित किया था। स्वामी सारंग इससे पहले भी मुहर्रम के जुलूसों में शामिल होते रहे हैं।
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