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हाउडी मोदी : विदेशी मीडिया ने मोदी और ट्रंप की जुगलबंदी को बताया ऐतिहासिक

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50 हजार लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर संबोधित किया है। इस कार्यक्रम की छाप विदेशी मीडिया पर दिखाई दे रही है। अमेरिका और यूरोप की मीडिया ने मोदी-ट्रंप की इस जुगलबंदी को ऐतिहासिक बताया है। मीडिया ने ट्रंप के 50 हजार अमेरिकी भारतीयों को ह्यूस्टन में संबोधित करना दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र के बीच बढ़ रहे द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करना बताया है। अमेरिका के लोगों ने पहली बार किसी रैली में इतने लोगों को एकसाथ देखा है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ आए तो अमेरिका में रहने वाले भारतीय मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। जहां ट्रंप ने मोदी को वैश्विक स्तर का नेता बताया तो वहीं मोदी ने ट्रंप को अपना दोस्त कहा। इस मंच पर दोनों नेताओं ने ब्रोमांस (दो भाईयो का आपसी प्यार) दिखाया है। अखबार ने दोनों नेताओं के ह्यूस्टन में ऐतिहासिक संबोधन के घंटों बाद कहा, ‘संयुक्त रूप से साथ आना भारत-अमेरिका के बीच बढ़ रहे रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है। दो बड़े लोकतांत्रिक देश एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व की महत्वाकांक्षा पर लगाम लगाने के लिए अहम है।’ ट्रंप की नजर इस समुदाय के बढ़ रहे मतदाताओं पर है और वह 2016 के मुकाबले 2020 में इस समुदाय का ज्यादा से ज्यादा वोट चाहते हैं। ट्रंप भारतीय अमेरिकी लोगों से जुड़ने से मिलने वाले लाभ को समझते हैं क्योंकि इस समुदाय का योगदान 21वीं सदी में दोनों देशों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

वहीं दूसरे अखबार ने लिखा कि अमेरिका में देश की विदेश नीति को लेकर तनाव जारी है। जिसका कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ईगो (घमंड) है। मगर इस बार ट्रंप ने ईगो को छोड़कर प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा किया। दोनों के एकदूसरे की खूब तारीफ की। मोदी ने मंच से यह भी कहा-अबकी बार ट्रंप सरकार। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को ऐतिहासिक बताया। एक और मीडिया ने बताया कि हाउडी मोदी किसी विदेशी नेता का अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा कार्यक्रम था। 90 मिनट के कार्यक्रम में 400 परफॉर्मर्स थे। जब मोदी ने ट्रंप को गले लगाया तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। इस रैली से दोनों देशों को अपने-अपने देशों में बड़ा लाभ मिलेगा। वहीं अखबार में यह भी लिखा गया कि तेजी से बजते संगीत के बीच प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप हाथों में हाथ डाले एनआरजी स्टेडियम में एकसाथ आए। उसी समय पूरी दुनिया को यह संदेश चला गया कि यह दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र की दोस्ती है। इस दौरान कोई ट्रेड वॉर नजर नहीं आई। लगभग 50 हजार भारतीय अमेरिकियों ने रैली में हिस्सा लिया। जैसे ही मंच से मोदी ने ट्रंप को अपना दोस्त, भारत का दोस्त और महान अमेरिकी राष्ट्रपति बताया भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। अमेरिका के जाने—माने अखबार ने लिखा कि यह रैली एक तरह से मोदी-ट्रंप को साथ लाई है। दोनों ही दक्षिण पंथी लोकवाद को गले लगाकर सत्ता में आए हैं और दोनों ने खुद को स्थापित सत्ता के खिलाफ लड़ रहे लोगों का चैंपियन दिखाया। दोनों ही मतदाताओं के बीच इस दृष्टिकोण के साथ गए कि वह अपने देश को ‘दोबारा महान’ बनाएंगे। भले ही मोदी ट्रंप के साथ हों लेकिन ट्रंप के लिए भारतीय अमेरिकी समुदाय का वोट पाना आसान नहीं होगा क्योंकि भारतीय अमेरिकी जनता डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मतदान करते हैँ।

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