ज्ञान भंडार

हाथ में इस रेखा के होने से समय पर ही साथ छोड़ देता हैं भाग्य

व्यक्ति के जीवन में ज्योतिषशास्त्र और हस्तशास्त्र का अत्यधिक महत्व होता हैं। यह व्यक्ति के भविष्य के बारे में कई प्रकार कि जानकारी प्रदान करती हैं। वही हस्तरेखाओं में भाग्य रेखा को बहुत ही अहम माना जाता हैं।भाग्य रेखा व्यक्ति के जीवन को कई तरह से प्रभावित करती हैं। वही अगर व्यक्ति की भाग्य रेखा विकसित होती हैं। तो उसके जीवन में हर कार्य बहुत ही सफलता और सहजता से पूर्ण हो जाता हैं।

आपको बता दें,कि व्यक्ति कि भाग्य रेखा कई तरह की होती हैं। यह सभी भाग्य रेखा व्यक्ति के ​जीवन में अलग—अलग तरह का संदेश देती हैं। वही व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई सारी बातों के बारे में बताती हैं। तो आज हम आपको व्यक्ति के भाग्य रेखा के बारे में बताने जा रहे हैं,तो आइए जानते हैं भाग्य रेखा के बारे में कुछ खास बातें।

व्यक्ति की भाग्य रेखा हृदय रेखा के मध्य से शुरू होकर मणिबन्ध तक जाती हैं। इस रेखा का उदगत अधिकतर मध्यमा या फिर शनि पर्वत से होता हैं। वही सीधे और सरल शब्दों में इसे समझा जायें तो जो रेखा मध्यमा यानी की पंजु की बीच वाली लंबी उंगली के नीचे से शुरु होकर ऊपर तक जाती हैं,तो उसे ही भाग्य रेखा कहा जाता हैं। वही कई व्यक्तियों के हाथों में यह मणिबंध यानी की कलाई की रेखाओं तक भी जाती हैं।

वही समुद्रिक शास्त्रों के मुताबिक जिस व्यक्ति की हथेली में भाग्यरेखा जितनी ​अधिक गहरी और लंबी होती हैं। उसका भाग्य उतना ही अधिक अच्छा होता हैं। मगर भाग्य रेखा का फीका या फिर कटा फटा होना अशुभ भी माना जाता हैं।

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