अद्धयात्म

ॐ का उच्चारण करते समय जरुर बरतें ये सावधानियां, नही तो…

‘ॐ’ तीन अक्षरों से मिलकर बना है – अ , ऊ और म. यह ईश्वर के तीन स्वरूपों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त स्वरूप है. इसी शब्द में सृजन, पालन और संहार, तीनों शामिल हैं. इसलिए इस शब्द को स्वयं ईश्वर ही माना जाता है.

ॐ का उच्चारण करते समय जरुर बरतें ये सावधानियां, नही तो...अगर इस शब्द का सही प्रयोग किया जाय तो जीवन की हर समस्या को दूर किया जा सकता है. इस शब्द का सही उच्चारण करने से ईश्वर की उपलब्धि तक की जा सकती है.

“ॐ” शब्द का उच्चारण किस प्रकार करें और क्या सावधानियां रखें?

– ॐ शब्द का उच्चारण करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त या साध्य काल का चुनाव करें.

– उच्चारण करने के पूर्व इसकी तकनीक सीख लें अन्यथा पूर्ण लाभ नहीं हो पाएगा.

– उच्चारण करते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.

– जब आप ॐ का उच्चारण पूर्ण कर लें, तो अगले 10 मिनट तक जल का स्पर्श न करें.

– नियमित रूप से उच्चारण करते रहने से दैवीयता का अनुभव होने लगेगा.

“ॐ” शब्द का सटीक और सरल प्रयोग कैसे करें?

उत्तम स्वास्थ्य के लिए-

– तुलसी का एक बड़ा पत्ता ले लें.

– उसको दाहिने हाथ में लेकर “ॐ” शब्द का 108 बार उच्चारण करें.

– पत्ते को पीने के पानी में डाल दें. पीने के लिए इसी पानी का प्रयोग करें.

– जो लोग भी इस जल का सेवन करें, तामसिक आहारग्रहण न करें.

मानसिक एकाग्रता तथा शिक्षा में सुधार के लिए-

– एक पीले कागज़ पर लाल रंग से “ॐ” लिखें.

– “ॐ” के चारों तरफ एक लाल रंग का गोला बना दें.

– इस कागज़ को अपने पढ़ने के स्थान पर सामने लगा लें.

वास्तु दोष के नाश के लिए-

– घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ सिन्दूर से स्वस्तिक बनाएं.

– मुख्य द्वार के ऊपर “ॐ” लिखें.

– ये प्रयोग मंगलवार को दोपहर को करें.

धन प्राप्ति के लिए-

– एक सफ़ेद कागज़ का टुकड़ा ले लें.

– उस पर हल्दी से “ॐ” लिखें.

– कागज़ को पूजा स्थान पर रखकर अगरबत्ती दिखाएं.

– फिर उस कागज़ को मोड़कर अपने पर्स में रख लें.

Related Articles

Back to top button