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11 दिसंबर को आएगा सबसे बड़ा जनादेश, किसे मिलेगी सत्ता?

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब जनादेश का वक्त आ गया है। 11 दिसंबर को मतगणना के बाद तय होगा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में किसकी सरकार बनने जा रही है। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और दिन बढ़ने के साथ रुझान और नतीजों का दौर शुरू होगा। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। करीब 8.30 बजे से ईवीएम के मतों की गिनती शुरू होगी। मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

11 दिसंबर को आएगा सबसे बड़ा जनादेश, किसे मिलेगी सत्ता? इन चुनावों में इस्तेमाल की गईं 1 लाख 74 हजार ईवीएम में 8500 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत कैद है। ये इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें इस समय राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के 670 अतिसुरक्षित कक्षों में रखी हैं। इन चुनावों में कुल 1 लाख 74 हजार 724 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया। सबसे ज्यादा 65 हजार 367 मशीनें मध्य प्रदेश में इस्तेमाल की गईं। कुल 8 हजार 500 उम्मीदवारों ने इन चुनावों में किस्मत आजमाई है जिसमें सबसे ज्यादा 2907 उम्मीदवार मध्य प्रदेश में हैं।

मध्य प्रदेश  

प्रदेश की सभी 230 सीटों पर हुए चुनावों के लिए मतगणना मंगलवार को होगी। मतगणना के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव हुए थे। मतदान के बाद आए एग्जिट पोल ने 15 साल से प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की संभावना व्यक्त की है। हालांकि, दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं। निर्वाचन आयोग के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए 11 दिसंबर को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। यह मतगणना 51 जिलों में होगी। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। डाक मतपत्रों की गिनती के बाद सुबह साढ़े आठ बजे से ईवीएम के वोटों की गिनती होगी। उन्होंने कहा कि हर राउंड के परिणाम अलग-अलग घोषित किये जाएंगे। अगले राउंड की गिनती तभी शुरू होगी, जब उससे पहले राउंड के परिणाम घोषित किए जा चुके हों। शाम तक सभी सीटों के परिणाम आने की संभावना है।

इस चुनाव में कुल 5,04,95,251 मतदाताओं में से 3,78,52,213 मतदाताओं यानी 75.05 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतगणना के साथ ही 1,094 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 2,899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा, जिनमें से 2,644 पुरूष, 250 महिलाएं एवं पांच ट्रांसजेंडर शामिल हैं। भाजपा ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट अपने सहयोगी शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है। आम आदमी पार्टी (आप) 208 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 227, शिवसेना 81 और समाजवादी पार्टी (सपा) 52 सीटों पर चुनावी मैदान में है।

छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में मंगलवार को वाटों की गिनती की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन के लिए रास्ता साफ हो जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 11 तारीख को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। मतगणना के लिए 5184 गणनाकर्मी और 1500 माइक्रोऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। हर हॉल में मतगणना के लिए 14 मेज, रिटर्निंग ऑफिसर मेज और डाक मतपत्रों की गणना की मेज होगी। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना केंद्रों में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जहां हर स्तर पर पहचान पत्र की जांच के बाद ही प्रवेश करने दिया जाएगा। वहीं मतगणना और सारणीकरण की समस्त प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। मतगणना हॉल में हर रिटर्निंग अफसर द्वारा सबसे पहले डाक मतपत्र की गिनती की जाएगी। डाक मतपत्र की गिनती शुरू होने के 30 मिनट के बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गिनती प्रारंभ की जाएगी।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम में डाले गए मतों की हर चरण में 14 मेजों पर गणना होगी। सबसे अधिक कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में 30 चरण में गिनती होगी और सबसे कम मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में 11 चरणों में मतों की गिनती होगी। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों के लिए दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान कराया गया था। जिसमें राज्य के 76.60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।

राजस्थान 

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और लगभग 20,000 कर्मचारी सुबह आठ बजे से यह काम शुरू करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि राज्य में कुल 35 केंद्रों पर वोटों की गिनती होगी। इनमें से जयपुर और जोधपुर में दो-दो केंद्रों पर और बाकी 31 जिलों में एक-एक केंद्र बनाया गया है। राज्य की 200 में से 199 सीटों के लिए मतदान सात दिसंबर को हुआ था। कुमार ने कहा कि मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है ताकि मतगणना स्थल पर किसी तरह का कोई बाधा नहीं आए।

उन्होंने कहा कि मतगणना की शुरुआत डाक मतों की गिनती से होगी और उसके बाद ईवीएम से गणना की जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहयोग से इस बार पहली बार राज्य की सभी सार्वजनिक स्थलों पर लगी हुई लगभग 350 एलईडी स्क्रीनों पर भी मतगणना के रुझान और परिणाम प्रदर्शित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मतगणना में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जा चुकी मैंडेटरी वैरीफिकेशन पद्धति को भी इस गणना में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग 20,000 कर्मचारी मतगणना के काम में लगे हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 163 सीटें मिलीं थी। इसके अलावा कांग्रेस को 21, बसपा को तीन, एनपीपी को चार व निर्दलीय और अन्य को नौ सीटें मिलीं थी। हालांकि बीच में हुए उपचुनाव के बाद मौजूदा समय भाजपा के 160, कांग्रेस के 25, बसपा के दो और एनपीपी के तीन विधायक हैं।

तेलंगाना 

तेलंगाना में भी मतगणना के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में 1,821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और मतगणना में इन के राजनीतिक भविष्य का फैसला होना है। राज्य की 119 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को चुनाव हुए थे और इनमें 73.20 प्रतिशत मतदान हुआ था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने कहा कि मतगणना वाले दिन के लिए बंदोबस्त पूरे कर लिए गए हैं। स्ट्रांगरूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं। स्ट्रांगरूम में सारे ईवीएम रखे जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्ट्रांगरूम की चाभियां बाह्य पर्यवेक्षकों के पास होती हैं और एहतियात के तौर पर राजनीतिक दल भी इस पर निगाह रखे हुए हैं। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद विजयी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी और प्रमाणपत्र तैयार किए जाएंगे।

मिजोरम 

मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तैयारी भी पूरी है। कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 8 बजे से मतों की गिनती होगी। यहां 40 सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था। कांग्रेस के सामने इस बार सरकार बचाने की चुनौती है। पूर्वोत्तर में यही एक राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार बची हुई है।

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