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14 अप्रैल तक कोरोना से जंग के लिए तैयार हो जाएगी सरकार, तापमान भी देगा साथ

अभी लोग लॉकडाउन में सहयोग करके कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। इसके सामानांतर केंद्र सरकार कोरोना से जंग के हथियार जुटा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र का कहना है कि 14 अप्रैल को एक तरफ लॉकडाउन खत्म होने का समय आएगा और दूसरी तरफ केंद्र सरकार, राज्य सरकार और देश के अस्पताल कोरोना से जंग तेज कर देंगे। इस तरह मई के पहले सप्ताह तक कोरोना पर पूरी तरह नकेल कसने की खबर आ सकती है।

लॉकडाउन में साधन जुटा रही है सरकार
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन क्यों किया? वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोरोन वायरस का कैरियर और रिसीवर दोनों मनुष्य है। यदि कैरियर से रिसीवर का संपर्क न हो तो एक निश्चित समयावधि के बाद वायरस खुद निष्क्रिय हो जाएगा। लॉकडाउन इसलिए अपनाया गया ताकि कोरोना के संक्रमण को मनुष्यों के बीच फैलने से रोका जा सके। इस लॉकडाउन के दौरान सरकार जरूरी साधन भी जुटा लेगी और फिर कोरोना से जंग लड़ ली जाएगी।

ट्रेनिंग और जुटा रहे संसाधन
सूत्र का कहना है कि कोरोना से लड़ने की विशेषज्ञता है लेकिन जरूरी संसाधनों की कमी है। कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए अभी हम आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलॉजी के रिएजेंट का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें एक बार में 35-40 सैंपल की जांच करने में 6-7 घंटे लग रहे हैं। यह जांच हर अस्पताल, लैब में आसानी से नहीं हो सकती। हालांकि इस जांच का परिणाम विश्वसनीय होता है। जांच प्रक्रिया को आसान और 6-7 घंटे के समय को कम करना तथा जांच की कीमत को घटाना है। इसके लिए अलग किस्म की जांच किट की जरूरत है। हालांकि किट से जांच में कुछ त्रुटि की गुंजाइश रहती है, लेकिन इसके जरिए जांच बड़े पैमाने पर और अधिक स्थानों पर हो सकेगी।

इस जांच में रिएजेंट वाली जांच जैसे स्तरीय स्किल्ड मैन पावर की जरूरत भी नहीं होगी। जांच किट की नई खेप की उपलब्धता का प्रयास तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि 6-7 अप्रैल तक सफलता मिल जाएगी। वेंटिलेटर, आईसीयू बेड तैयार हो रहे हैं। क्वारंटीन में रखने की सुविधा तैयार की जा रही है।

रेलवे, सेना, अर्धसैनिक बल समेत अन्य एजेंसियां अपने स्तर पर तैयारी कर रही हैं। डॉक्टर, नर्स समेत अन्य को ऑनलाइन ट्रेनिंग देने का काम तेजी से चल रहा है।

उपलब्ध संसाधन का बेहतर इस्तेमाल करते हुए कोरो़ना संक्रमितों की जांच और इलाज तेजी से जारी है। अभी जिन संक्रमितों की सूचना मिल रही है, उस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पहले जांच एनआईवी, पुणे में होती थी, अब रिएजेंट के माध्यम से देश की कई लैब में हो रही है। इलाज भी अस्पतालों में हो रहा है और लोग ठीक हो रहे हैं।

उधर, 14 अप्रैल तक तापमान में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसका वायरस का संक्रमण रोकने में लाभ मिल सकता है। इसलिए सब कुछ भारत की स्थिति, परिस्थिति को ध्यान रखकर होना चाहिए।

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