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153 जिलों में पड़ेगी सूखे की मार, मौसम विभाग आज जारी करेगा मानसून का पूर्वानुमान

देश के 153 जिले इस साल गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही सूखे की चपेट में आ गए हैं। वहीं केंद्र सरकार का मौसम विभागभी इस साल के मानसून सीजन के लिए पूर्वानुमान की घोषणा करेगा। 153 जिलों में पड़ेगी सूखे की मार, मौसम विभाग आज जारी करेगा मानसून का पूर्वानुमान

किसानों पर पड़ी दोहरी मार
इस बार अप्रैल के महीने में उत्तर भारत में कई राज्यों में हुई बारिश, आंधी और आगजनी के चलते गेंहू की पकी फसल बर्बाद हो गई है। गेंहू के भीग जाने से जहां दाना कमजोर पड़ गया है जिससे फसल का दाम भी नहीं निकलेगा, वहीं दूसरी तरफ सूखे की चपेट में आने से खेती के लिए सिंचाई और लोगों को पीने के पानी की समस्या होने की आशंका है। 

अक्टूबर 2017 से कम हो रही है बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के डाटा के अनुसार अक्टूबर 2017 से देश के 404 जिलों में बहुत ही कम बारिश हो रही है। इनमें से 140 जिलों में हालत काफी बुरे हैं, क्योंकि अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच बारिश न के बराबर है। वहीं 109 जिलों में की हालत थोड़ी सी सही है और 156 जिले सूखे की जद से काफी बाहर हैं। 

इन राज्यों में पड़ेगा भयंकर सूखा

जिन राज्यों में सूखा पड़ने की संभावना है उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार का उत्तर-पश्चिम हिस्सा, लद्दाख, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, झारखंड और आंध्र प्रदेश का तटीय इलाका शामिल हैं। 

सर्दियों में नहीं हुई बारिश 
इस बार सूखा पड़ने की इसलिए ज्यादा संभावना है क्योंकि सर्दियों में न के बराबर बारिश हुई है। जनवरी और फरवरी के महीने में 63 फीसदी कम बारिश हुई थी। वहीं मार्च और अप्रैल के महीने में 31 फीसदी बारिश कम हुई है। इस वजह से उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत में ही सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा।  

सरकार बताएगी कैसा रहेगा मॉनसून  
अब तक के संकेतों के मुताबिक मौसम विभाग मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान जारी कर सकता है। मौसम विभाग से पहले प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान जारी किया है। स्काईमेट के मुताबिक अभी तक संकेत अच्छी बारिश की संभावना दिखा रहे हैं। चीन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की मौसम एजेंसियों ने भी सामान्य मॉनसून के संकेत दिए हैं। हालांकि स्काईमेट का अनुमान 2015 में गलत साबित हो चुका है।

अच्छी बारिश होने की संभावना अल-नीनो या ला-नीना कमोबेश सामान्य रहने के आसार हैं। बता दें कि समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ज्यादा रहने पर अल-नीनो कहलाता है और समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम रहने पर ला-नीना कहलाता है। अल-नीनो मॉनसून पर उल्टा असर डालता है। वहीं ला-नीना से ज्यादा बारिश होती है।

 
 
 

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