उत्तराखंड

18 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, फूलों से सजेंगे मंदिर

अक्षय तृतीय पर्व पर 18 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अब दोनों मंदिरों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाएगा। गंगोत्री मंदिर की 15 कुंतल तो यमुनोत्री मंदिर की सजावट तीन कुंतल फूलों से होगी। 18 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट, फूलों से सजेंगे मंदिर

श्री गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि फूल जल्द गंगोत्री धाम पहुंच जाएंगे और मंगलवार तक सजावट पूरी कर ली जाएगी। वहीं, श्री यमुनोत्री मंदिर समिति व पंच पंडा समिति ने भी कपाट खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। 

मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि 18 अप्रैल को सुबह सवा नौ बजे शनिदेव की अगुआई में देवी यमुना की डोली उनके मायके खरसाली से यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। जहां विधिवत पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 12.15 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।

मुखवा से मंगलवार को रवाना होगी गंगा की डोली आर्मी बैंड और पारंपरिक लोकवाद्यों की धुन के बीच मंगलवार सुबह 11.45 बजे मां गंगा की डोली उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा (मुखीमठ) से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। 

रात्रि विश्राम भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के बाद बुधवार दोपहर डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां दोपहर 1.15 बजे विधि-विधान पूर्वक मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।

यमुनोत्री में भी चौलाई का प्रसाद

बदरी-केदार धाम की तर्ज पर यमुनोत्री धाम में भी इस बार श्रद्धालुओं को चौलाई का प्रसाद दिया जाएगा। हिमालय जड़ी-बूटी संस्थान (जाड़ी) की ओर से एक कुंतल चौलाई का प्रसाद तैयार कर भी लिया गया है। संस्था के संरक्षक द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि वर्ष 2008 से संस्था यमुनोत्री धाम में प्रसाद तैयार कर रही है।

 

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