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2018 के बजट में 18 दिन, इन 7 घोषणाओं का है सबको इंतजार

वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को बजट पेश करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. प्री-बजट मीटिंगों का दौर शुरू हो चुका है. बजट पेश होने में अब सिर्फ 18 दिन रह गए हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं 7 ऐसी घोषणाओं के बारे में, जिनका सबको इंतजार है.

इस बजट से आम आदमी को इ‍सलिए भी ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि 2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह बजट पेश हो रहा है. ऐसे में इसके लोकलुभावन रहने की उम्मीद है. आगे जानिए उन घोषणाओं के बारे में, जिनका सबको इंतजार है.

टैक्स स्लैब में छूट : वित्त मंत्री अरुण जेटली से सबसे बड़ी उम्मीद आम आदमी की टैक्स के मोर्चे पर है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में सरकार आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है.

अगर ये घोषणा होती है, तो आपको 3 लाख रुपये तक की सालाना आय पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं भरना होगा.

सेक्शन 80 सी के तहत छूट : टैक्स के मोर्चे पर एक उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि मोदी सरकर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली छूट को बढ़ा सकती है. सरकार इसे  मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है.

ये फैसला आता है, तो तब आपकी सालाना आय अगर 12 लाख  रुपये है और इसमें से आप उन स्कीमों में 2 लाख रुपये का निवेश करते हैं, जो सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट की हकदार हैं, तो आपको सिर्फ 10 लाख की आय पर आयकर भरना होगा.

रोजगार का पक्का इंतजाम : मोदी सरकार इस बजट में देश की पहली रोजगार नीति पेश कर सकती है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस नीति में न सिर्फ रोजगार के नये मौके पैदा किए जाएंगे, बल्क‍ि रोजगार देने वाले को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा.

इस फैसले से बेरोजगारों के लिए रोजगार हासिल करने में आसानी होगी. इसके साथ ही देश में पड़े रोजगार के सूखे को भी खत्म किया जा सकेगा.

कार खरीदना हो सकता है सस्ता : ऑटो इंडस्ट्री बॉडी सियाम ने सरकार को सुझाव दिया है क‍ि इलेक्ट्र‍िक और हाइब्रिड कारों पर 5 फीसदी जीएसटी लगे, ताकि लोग खरीदने के लिए प्रोत्साह‍ित हो सकें. इसके अलावा कारों पर लगने वाले सेस में भी कमी की जा सकती है.

कारों को लेकर सरकार का यह फैसला न सिर्फ इलेक्ट्र‍िक कारों को सस्ता करेगी, बल्कि सेस कम होने से पेट्रोल और डीजल कारें भी सस्ती होंगी.

जीएसटी टैक्स स्लैब कम :वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बजट में जीएसटी टैक्स स्लैब को 2 से 3 तक ही सीमित रख सकती है. ऐसी उम्मीद है कि इस बजट में  12 और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को एक ही किया जा सकता है.

अगर ऐसा होता है, तो इन श्रेण‍ियों में आने वाले उत्पाद और भी सस्ते हो सकते हैं. हालांकि अगले हफ्ते होने वाले जीएसटी काउंस‍िल की बैठक में भी कई अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में यह फैसला इस दौरान भी लिया जा सकता है.

मेडिकल अलाउंस बढ़ेगा : देश में चिकित्सा सेवा पर होने वाले खर्च में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले दिनों डेंगू के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक का बिल लिए जाने की खबरें भी आई थीं. ऐसे में सरकार कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली मेडिकल अलाउंस पर टैक्स छूट को बढ़ा सकती है. फिलहाल यह छूट महज 15000 रुपये है.

बजट में मोदी सरकार अगर इस टैक्स छूट को बढ़ाने की घोषणा करती है, तो कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को मेडिकल अलाउंस बढ़ाकर दे सकती हैं.

किसानों को मिले बड़ी राहत : पिछले कुछ समय से कृष‍ि और किसानों के हालात बेहतर स्थित‍ि में नहीं हैं. इसको लेकर समय-समय पर अर्थशास्त्री भी च‍िंता जता चुके हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बजट  में  किसानों की आय दुगुनी करने और कृष‍ि को बेहतर बनाने के लिए कई  घोषणाएं कर सकती है.

कृ‍ष‍ि के मोर्चे पर होने वाली घोषणाएं न सिर्फ कृष‍ि और किसानों की हालत सुधारने में मददगार होंगी, बल्क‍ि यह देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने में भी सहयोगी साबित हो सकती हैं.

 

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