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2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी सुषमा स्वराज, बताई ये बड़ी वजह

भाजपा की वरिष्ठ नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2019 लोकसभा चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया है। इंदौर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों के चलते वो चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में पार्टी को अपनी मंशा से अवगत करा दिया है।

कुछ वक्त से ये चर्चा थी कि स्वास्थ्य वजहों सें वो अगला लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला करें। खबरें तो ये भी हैं कि भाजपा उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद भेज सकती है। सुषमा ने कहा, “यूं तो ये पार्टी तय करती है लेकिन मैंने चुनाव न लड़ने का फैसला कर लिया है।”

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदिशा से सांसद हैं। लंबे समय से उनकी सेहत ठीक नहीं चल रही। बीच में कई बार वो अस्पताल में भर्ती रहीं। हालांकि, सियासी गलियारों में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा रहा कि मोदी सरकार में बतौर विदेश मंत्री जिस तरह से उनकी अनदेखी हुई, वो उन्हें रास नहीं आई। फिलहाल सुषमा स्वराज मध्यप्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार कर रही हैं।

इंदौर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों से अगला चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वचन पत्र में बड़ी-बड़ी बातें है, किसान का कर्ज माफ, बिजली बिल आधा, लड़कियों के विवाह के लिए आधा खर्च आदि। अब कांग्रेस नेतृत्व को इस बात पर विश्वास हो गया है कि वह सरकार में नही आएगी। इसलिए कितने भी सब्जबाग दिखा लो क्योंकि सरकार में तो आना नहीं है।

उन्होंने किसी भी तरह की सत्ता विरोधी लहर होने से इनकार करते हुए कहा कि कोई विकल्प ही नहीं है और जनता कार्यों के आधार पर भाजपा को ही वोट देगी। गीता को लेकर सुषमा ने कहा कि वह हिंदुस्तान की बेटी है इसलिये वापस पाकिस्तान नही भेजी जाएगी। चाहे उसके परिवार के लोग मिले या न मिलें। अब वह शादी के लायक हो गयी है उसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

राम मंदिर मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि राम मंदिर आस्था और आध्यात्म का मुद्दा है चुनाव का नहीं। सुषमा ने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में हम कुलभूषण जाधव के मामले को लेकर गए हैं और कल उसकी सुनवाई होनी है। राममंदिर, राफेल, परिवारवाद, महंगाई को उन्होंने चुनाव का मुद्दा मानने से इनकार किया है।

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