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नवरात्रि पर कलश स्थापित करने की पूजन विधि

लखनऊ : नौ दिनों तक चलने वाली वसंत नवरात्रि की शुरुआत 18 मार्च यानी रविवार से हो रही है। इस पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से लोगों को हर मुश्किल से छुटकारा मिल जाता है। इस वर्ष नवरात्रि नौ दिन की नही बल्कि आठ दिन की होगी। जिन घरों में नवरात्रि पर कलश-स्थापना होती है उनके लिए शुभ मुहूर्त 18 मार्च को सुबह 7 बजकर 35 मिनट से लेकर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।इस दौरान घटस्थापना करना सबसे अच्छा होगा, वसंत नवरात्रि में कई शुभ संयोग बन रहे हैं। नवरात्रि के दिन से हिन्दू नव वर्ष प्रारम्भ होता है। इस दिन रविवार है साथ ही सर्वार्थसिद्ध योग भी बन रहा है। इस दिन जो वार होता उसी का स्वामी वर्ष का राजा होता है, अतः इस वर्ष राजा सूर्य है।

हिन्दू शास्त्रों में किसी भी पूजन से पूर्व, गणेशजी की आराधना का प्रावधान बताया गया है, माता की पूजा में कलश से संबन्धित एक मान्यता के अनुसार, कलश को भगवान विष्णु का प्रतिरूप माना गया है, इसलिए सबसे पहले कलश का पूजन किया जाता है। कलश स्थापना करने से पहले पूजा स्थान को गंगा जल से शुद्ध किया जाना चाहिए। पूजा में सभी देवताओं आमंत्रित किया जाता है।

कलश में हल्दी को गांठ, सुपारी, दूर्वा, मुद्रा रखी जाती है और पांच प्रकार के पत्तों से कलश को सजाया जाता है। इस कलश के नीचे बालू की वेदी बनाकर कर जौ बोये जाते है, जौ बोने की इस विधि के द्वारा अन्नपूर्णा देवी का पूजन किया जाता है, जो कि धन-धान्य देने वाली हैं तथा माता दुर्गा की प्रतिमा पूजा स्थल के मध्य में स्थापित कर रोली, चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग से माता का श्रृंगार करना चाहिए। साथ ही माता जी को प्रातः काल फल एवं मिष्ठान का भोग और रात्रि में दूध का भोग लगाना चाहिए और पूर्ण वाले दिन हलवा पूरी का भोग लगाना चाहिए। इस दिन से ‘दुर्गा सप्तशती’ अथवा ‘दुर्गा चालीसा’ का पाठ प्रारम्भ किया जाता है। पाठ पूजन के समय अखंड दीप जलाया जाता है जोकि व्रत के पारण तक जलता रहना चाहिए। कलश स्थापना के बाद, गणेश जी और मां दुर्गा की आरती से, नौ दिनों का व्रत प्रारंभ किया जाता है। कलश स्थापना के दिन ही नवरात्रि की पहली देवी, मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की आराधना की जाती है। इस दिन सभी भक्त उपवास रखते हैं और सायंकाल में दुर्गा मां का पाठ और विधिपूर्वक पूजा करके अपना व्रत खोलते हैं।
– नवरात्रि दिन 1 प्रतिपदा, कलश स्थापना: 18 मार्च 2018 (रविवार) : मां शैलपुत्री पूजा
– नवरात्रि दिन 2, द्वितीया : 19 मार्च 2018 (सोमवार) : मां ब्रह्मचारिणी पूजा
– नवरात्रि दिन 3, तृतीया : 20 मार्च 2018 (मंगलवार) : मां चन्द्रघंटा पूजा
– नवरात्रि दिन 4, चतुर्थी : 21 मार्च, 2018 (बुधवार) : मां कूष्मांडा पूजा
– नवरात्रि दिन 5, पंचमी : 22 मार्च 2018 (गुरुवार) : मां स्कंदमाता पूजा
– नवरात्रि दिन 6, षष्ठी : 23 मार्च 2018 (शुक्रवार) : मां कात्यायनी पूजा
– नवरात्रि दिन 7, सप्तमी : 24 मार्च 2018 (शनिवार) : मां कालरात्रि पूजा
– नवरात्रि दिन 8, अष्टमी / नवमी : 25 मार्च 2018 (रविवार) : मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री
– नवरात्रि दिन 9, दशमी, नवरात्रि पारणा, 26 मार्च 2018 (सोमवार)
(जिनके यहां अष्टमी का हवन होता वो 24 मार्च को करें, जिनके यहां नवमी का हवन होता है वो 25 मार्च को करें)

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