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7 हैवानों ने नाबालिग को किया प्रेग्नेंट, सवाल यह है कि बच्चा किसका?

आणंद: पास ही के अडास गांव में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर 7 हैवानों ने अलग-अलग स्थानों पर उसके साथ ज्यादती की। अब किशोरी 5 महीने से प्रेग्नेंट है। पूरी घटना प्रकाश में आने के बाद गांव में हड़कम्प मच गया है। वासद पुलिस ने पाक्सो के तहत मामला दर्ज कर सभी हैवानों को अरेस्ट कर लिया है। वहां से अदालत ने सभी को जेल भेज दिया है। 

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7 हैवानों ने नाबालिग को किया प्रेग्नेंट, सवाल यह है कि बच्चा किसका?अडास गांव की 16 वर्षीय नाबालिग के साथ गांव के ही मुकेश रावजी सोलंकी ने पिछले साल नवरात्रि पर ज्यादती की थी। जब यह बात गांव के अन्य युवकों को पता चली, तो वे भी किशोरी की नादानी का फायदा उठाते हुए उससे आए दिनों ज्यादती करने लगे। ये युवक हैं-हितेश उर्फ लाला सोमा भोई, भरत मगन पढीयार, शांति गोरधन परमार, रमेश उर्फ भोला बुधा गोहिल, योगेश संजय सोलंकी, किरीट नटु परमार। इस दौरान नाबालिग प्रेग्नेंट हो गई। अब उसका 5 महीने का गर्भ है। इसकी जानकारी जब नाबालिग के परिवार वालों को हुई, तो उन पर आफत ही आ गई।
 
नवरात्रि के बाद से नाबालिग पर ज्यादती होती रही
 
नाबालिग ने अपने साथ हुए दुष्कर्म की जानकारी जब परिवार वालों को दी, तब उसके भाई ने उन युवकों से बात की, तो युवकों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इससे गुरुवार को देर रात नाबालिग के परिवार वालों ने वासद पुलिस स्टेशन पहुंचकर सातों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई। पुलिस ने सातों युवकों को अरेस्ट कर लिया, फिर अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया।
 
अब सवाल यह है कि एबार्शन कराया जाए या बच्चे को जन्म दिया जाए
 
सात युवकों ने नाबालिक से ज्यादती कर उसे प्रेग्नेंट कर दिया। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि नाबालिग का एबार्शन कराया जाए या बच्चे को जन्म लेने दिया जाए। यह मामला हाईकोर्ट जाएगा। अभी तक नाबालिग का मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया है।
7 हैवानों ने कई दिनों तक कई जगहों पर नाबालिग से ज्यादती की, अब जब नाबालिग प्रेग्नेंट है, तो सवाल यह है कि बच्चा किसका है? सभी युवकों का मेडिकल परीक्षण कर उनके नाखून, बाल, स्पर्म आदि के सेम्पल लिए गए हैं।
 
नाबालिग को न्याय मिले, इसके लिए अडास की एनजीओ की पहल
 
नाबालिग का परिवार श्रमजीवी है। बहरहाल नाबालिग भयभीत है। अडास में महिलाओं के लिए काम करती संस्था जयभारती फाउंडेशन द्वारा किशोरी की सारी जवाबदारी स्वीकार ली है, उसे न्याय मिले इसके लिए संस्था आगे आई है। संस्था नाबालिग के लिए आखिर तक लड़ाई लड़ेगी। ऐसा संस्था की अध्यक्ष हसाबा ने बताया है।

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