State News- राज्यUncategorized

75 से भी ज्यादा मैराथन में दौड़ीं 73 साल की सुनीता, कहा- उम्र महज एक संख्या


बेंगलुरु : 73 साल की धाविका सुनीता प्रसन्ना बुजुर्ग लोगों के लिए एक मिशाल हैं। यह उनका जज्बा ही है कि वे पिछले 10 सालों में 75 से भी ज्यादा मैराथन में दौड़ चुकी हैं। सुनीता ने कहा, “मैं केवल इस चीज को साबित करने के लिए दौड़ती हूं कि उम्र केवल एक नंबर है और अगर इरादे मजबूत हो तो आप उन सभी उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं, जो आप चाहते हैं।” सुनीता 24 फरवरी को आईडीबीआई की मैराथन-2019 में हिस्सा लेंगी। वे इस मैराथन में भाग लेने वाली सबसे उम्रदराज महिला धाविका होंगी। वे दूसरी बार इस मैराथन में दौड़ने जा रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस रेस को लेकर उत्साहित हूं। मैंने इसके लिए पर्याप्त तैयारी की है। देखते हैं रविवार को मेरे लिए कैसा दिन रहता है।” सुनीता बेंगलुरू स्थित एक आईटी कंपनी में एचआर के पद पर काम कर चुकी हैं। उन्होंने 63 साल की उम्र में मैराथन में दौड़ना शुरू किया था। इससे पहले वे नई दिल्ली हाफ मैराथन और मुंबई मैराथनों में दौड़ी थीं। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘”मैं तेजतर्रार धावक तो नहीं हूं, लेकिन मैं अपनी ताकत में विश्वास रखती हूं। मैं जो भी कुछ शुरू करती हूं, उसे हमेशा पूरा करती हूं। यह मेरा दृढ़ संकल्प है और मुझे इस पर गर्व है। जब मैंने पहली बार दौड़ना शुरू किया था तो मुझे एहसास हो गया था कि मैं कुछ हासिल करने में सक्षम हूं, इसलिए मैंने 63 साल की उम्र में मैराथन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था।’’ उन्होंने कहा, “जब से मैंने दौड़ना शुरू किया है तब से मैंने इसका पूरा आनंद लिया है। मेरा मानना है कि स्वास्थ्य ही असली धन है। स्वास्थ्य और फिटनेस, आपके जीवन में बेहद खुशियां लाती हैं, खासकर बुजुर्ग महिलाओंं में। मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दौड़ने और फिट रहने से भी जीवन में बहुत बीमारियों से बचा जा सकता है।” युवाओंं को संदेश देते हुए सुनीता ने कहा, “आप कभी भी दौड़ सकते हैं, क्योंकि मेरा मानना है कि दौड़ने के लिए आपको किसी अस्त्र-शस्त्र की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके लिए आपको केवल शरीर और दिमाग लगाना पड़ता है।”

Related Articles

Back to top button