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B’Day Spl: नवाब पटौदी से शादी के लिए शर्मिला ने अपनाया था इस्लाम धर्म, ऐसे शुरू हुई लव स्टोरी

गुजरे जमाने की अदाकारा शर्मिला टैगोर 8 दिसंबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं। 60-70 के दशक में शर्मिला ने एक के बाद एक कई शानदार फिल्में दी थीं। फिल्म ‘कश्मीर की कली’ ने शर्मिला के करियर को बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। शर्मिला का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता गितेन्द्रनाथ टैगोर ‘टैगोर एल्गिन मिल्स’ के ब्रिटिश इंडिया कंपनी के महाप्रबंधक थे। शर्मिला ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1959 में सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपुर संसार’ से की थी।

शर्मिला ने अपने जीवनसाथी के रूप में मशहूर क्रिकेटर और भारतीय टीम के कप्तान रहे मंसूर अली खान पटौदी को चुना। मंसूर अली खान पटौदी से शर्मिला की पहली मुलाकात उनके कोलकाता स्थित घर पर ही हुई थी। पटौदी अपने किसी दोस्त के साथ वहां किसी कार्यक्रम में गए थे।

शर्मिला जहां नवाब पटौदी को देखते ही फिदा हो गई थीं वहीं नवाब शर्मिला की मुस्कान के कायल थे। दोनों के मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा। देखते ही देखते दोनों एक-दूसरे काफी करीब आ गए थे। शादी के वक्त लोग अटकलें लगा रहे थे कि शर्मिला की फिल्मों में बोल्ड इमेज को पटौदी खानदान स्वीकार नहीं करेगा। साथ ही दोनों के धर्म अलग थे। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और दोनों ने सहमति से शादी कर ली। शर्मिला को मंसूर अली खान से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाना पड़ा था।

पटौदी और शर्मिला टैगोर के रोमांस से जुड़ा एक मजेदार किस्सा है। दरअसल, रिश्ते के शुरुआती दिनों में पटौदी ने शर्मिला टैगोर को गिफ्ट में रेफ्रिजरेटर दिया था। उस समय उपहार के रूप में रेफ्रिजरेटर देना बड़ी बात होती थी। इतना ही नहीं पटौदी शर्मिला को समय-समय पर फूल और खत भी भेजते रहते थे।

इसके अलावा एक किस्सा यह भी मशहूर है कि क्रिकेट के मैदान में नवाब पटौदी शर्मिला का स्वागत छक्के से किया करते थे। कहा जाता है कि शर्मिला जहां भी बैठती थीं, वो उसी दिशा में छक्का मारा करते थे।

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