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चाइनीज सामान का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी, फैंस से की ये अपील

भारत-चीन के बीच हमेशा से किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवाद रहा है। ऐसे में बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भारत में चीनी समाना के बहिष्कार को लेकर #BoycottChineseProducts ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड का सिलसिला तब शुरू हुआ जब प्रतिष्ठित मैगसेसे अवार्ड विजेता सोनम वांगचुक ने सोशल मीडिया के जरिए भारत के लोगों से चीन के बने सामान का बहिष्कार करने की अपील की है। अब बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी ने भी चीनी सामना का बहिष्कार करने की बात कही है। 

अभिनेता अरशद वारसी ने ट्विटर पर बताया है कि वह लगातार चीन के बने सामने का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इसको पूरी तरह से खत्म होने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन वह एक दिन जरूर चीनी सामान मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘जो भी चीज चाइनीज है, मैं उसका इस्तेमाल धीरे-धीरे बंद करने जा रहा हूं। अब क्योंकि हमारी जिंदगी में कई ऐसे उत्पादक हैं जो चाइनीज हैं, तो इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। हालांकि मैं जानता हूं कि एक दिन मैं चाइनीज मुक्त जरूर हो जाऊंगा। आपको भी ऐसी कोशिश करनी चाहिए’।

अरशद वारसी से पहले अभिनेता मिलिंद सोमन ने भी चीनी सामान का बहिष्कार किया था और कहा था कि वह टिक टॉक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब मैं टिक टॉक पर नहीं हूं’। गौरतलब है कि फिल्म थ्री इडियट्स में आमिर खान का किरदार जिन असली वैज्ञानिक सोनम वांगचुक पर आधारित है, वह भारत के लोगों से लगातार चीन में बने उत्पादों और वहां के सॉफ्टवेयर का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। 

बीते दिनों सोनम वांगचुक ने यूट्यूब एक वीडियो साझा करते हुए भारत-चीन के बीच टकराव और तनाव की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘आज कोरोना के प्रकोप के बाद चीन में फैक्ट्रियां बंद हैं, एक्सपोर्ट्स बंद हैं और बेरोजगारी 20 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है, लोग बहुत नाराज हैं, क्रांति हो सकती है, तख्तापलट हो सकता है। इसीलिए चीन अपने पड़ोसियों से दुश्मनी करके अपनी जनता को अपने साथ जोड़ने में लगा हुआ है।’ 

सोनम वांगचुक ने वीडियो में आगे कहा, ‘जरा सोचिए हम आप भारतीय उद्योग को मार कर चीन से मूर्तियों से कपड़ों तक हर साल पांच लाख करोड़ के सामान खरीदते हैं और फिर हमसे कमाए रुपयों से आगे जाकर हमारी सीमा पर हथियार और बंदूक बनकर हमारे सैनिकों के मौत का कारण बन सकते हैं, तो इसलिए अगर हमारे देश के 130 करोड़ लोग और तीन करोड़ भारतीय जो बाहर के देशों में हैं, सब मिलकर भारत में और बल्कि दुनिया भर में एक बायकाट मेड इन चाइना मूवमेंट या अभियान शुरू करते हैं तो आज दुनिया भर में चीन के प्रति रोष है। हो सकता है कि सारी दुनिया साथ आए और इतने बड़े स्तर पर चीनी व्यापार का बहिष्कार हो’। 

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