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बृजेश कुमार, वीरेंद्र कुमार सिंह, अरूण क्रांति और धीरेंद्र कुमार बैडमिंटन के अगले दौर में

लखनऊ। बृजेश कुमार, वीरेंद्र कुमार सिंह, अरूण क्रांति और धीरेंद्र कुमार ने यूपी न्यायिक सेवा संघ द्वारा आयोजित 23वें उत्तर प्रदेश न्यायिक अधिकारियों की तीन दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिता के पहले दिन बैडमिंटन के पुरूष एकल के पहले दौर के मुकाबलों में जीत के साथ दूसरे दौर में जगह बनाई।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बैडमिंटन हाल में आज पहले दिन हुई बैडमिंटन की स्पर्धाओं में पुरूष सिंगल्स के राउंड 64 के मुकाबलों में बृजेश कुमार ने सजय कुमार को 30-14 से, वीरेंद्र कुमार सिंह ने विकास कुमार सिंह को 30-2, अरूण क्रांति ने वीरेंद्र को 30-25 से और धीरेंद्र कुमार ने मयंक प्रकाश को 30-21 से हराते हुए अगले दौर में जगह बनाई।

खेलकूद से तनाव दूर होने के साथ स्वस्थ रहता है शरीरः मुख्य न्यायाधीश

इससे पूर्व केडी सिंह बाबू स्टेडियम में इस प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने कहा कि न्यायमूर्ति न्यायालय कार्य में अत्यधिक व्यस्त रहते है। इससे उन्हें खेलकूद में भाग लेने के लिए समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में न्यायिक सेवा संघ ने न्यायधीशों के लिए खेल-कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करने की जो पहल की है, वह प्रशंसनीय एवं सराहनीय है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायिक अधिकारी अपना समय निकाल कर इन प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे हैं। न्यायिक अधिकारियों की भूमिका समाज में अति महत्वपूर्ण हैं। खेलकूद में प्रतिभाग करने से उनमें मानसिक तनाव कम होगा एवं स्वास्थ्य भी ठीक होगा। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनायें भी दीं।

23वें उत्तर प्रदेश न्यायिक अधिकारियों की तीन दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिता का शुभारंभ

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि स्वस्थ्य रहने एवं तनाव दूर करने के लिए खेलों में हिस्सा लेना आवश्यक है। उन्होंने खेल प्रतियोगिता के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर होते रहने ही चाहिए। खेल प्रतियोगिता आयोजन समिति के अध्यक्ष/जिला जज सुरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि तीन दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिताओं में भागीदारी करने वाले विजयी न्यायिक अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति एवं सेवानिवृत्त न्यायमूर्तिगण भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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