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CAA Protest: अलीगढ़ दूसरे दिन भी हंगामा, रोड पर लगाया जाम

अलीगढ़: रविवार को ऊपरकोट में हुए बवाल के बाद अलीगढ़ में दशहत और तनाव है। सोमवार की सुबह मुस्लिम इलाकों में दुकानें बंद थीं, लेकिन बाजारों में भीड़ थी। वहीं, शाहजमाल में महिलाओं का धरना जारी है। एएमयू में भी धरना दिया जा रहा है। अनूप शहर रोड पर लोगों ने जाम लगा दिया है। यहां दो माह से धरना चल रहा है। देर रात तक शहर में पुलिस उपद्रवियों को तलाशती रही। बवाल में एक इंस्पेक्टर और दो दारोगाओं सहित एक दर्जन से अधिक घायल हुए हैं। गोली लगने से तीन घायल हैं। हिंदू पक्ष की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तीन तहरीर दी गई हैं।

प्रमुख बिंदु

-अलीगढ़ मुस्लिम विवि में सोमवार के पेपर यथावत हुए।

-यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आइसीएसई की परीक्षा भी होंगी

– बाबरी मंडी में दो संप्रदाय टकराए, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

-युवकों को ले जाने के शक में विरोध-आगजनी, मंदिरों पर पथराव

-संवेदनशील ऊपर कोट में महिलाओं ने पुलिस से की धक्का-मुक्की

-सोमवार की रात 12 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई

अफवाह के बाद सुलग गया था ऊपरकोट

शहर का सबसे संवेदनशील ऊपर कोट इलाका रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे सुलग उठा। कोतवाली से अपने रिश्तेदारों को जीप में लेकर जा रहे इंस्पेक्टर की जीप को धरने पर बैठीं महिलाओं ने घेर लिया। अफवाह फैल गई कि पुलिस कुछ लड़कों को गिरफ्तार कर ले जा रही है। लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। एक खोखे को आग लगा दी गई। पुलिस ने हालात संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। ऊपर कोट बवाल की चिंगारी आस-पास के क्षेत्रों में फैल गई। बाबरी मंडी में मुस्लिम व हिंदू समाज के लोग आमने-सामने आ गए। जमकर पथराव और फायरिंग हुई। एक युवक गोली लगने से घायल हो गया। पथराव में भी कई लोग घायल हो गए। एक दमकल, आरएएफ की मिनी बस क्षतिग्र्रस्त कर दी गई। उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने यहां रबर बुलेट का इस्तेमाल किया। पथराव में भी कई लोग घायल हुए हैं। रात 12 बजे तक कोई मामला दर्ज नहीं हो सका था। समूचे मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शहर के माहौल को देखते हुए सोमवार की रात 12 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है। जिले में रेड स्कीम लागू की गई है।

टेंट न लगने देने से थी नाराजगी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में अलीगढ़ के शाहजमाल ईदगाह के बाहर 26 दिन से धरना चल रहा है। गुरुवार रात आंधी-बरसात के चलते यहां टेंट लगाने की कोशिश की गई थी, जिसे पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज महिलाएं शुक्रवार रात शहर कोतवाली आ गईं और धरने पर बैठ गईं। इसके चलते रविवार सुबह से ही तनाव बढऩे लगा। हालात देखकर कोतवाली में आरएएफ व पीएसी को तैनात कर दिया। परंतु इस बीच कुछ युवकों की गिरफ्तारी की अफवाह से भड़कीं महिलाओं ने इंस्पेक्टर की जीप को घेर लिया। पुलिस से धक्का-मुक्की करने के साथ पथराव कर दिया। इन्हें भी पुलिस ने खदेड़ा। इस बीच बाबरी मंडी में पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को यहां रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। पुलिस यहां से लौटी तो बाबरी मंडी में फिर सीएए के विरोधी और समर्थक आमने सामने आ गए। दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। फायङ्क्षरग भी हुई। यहां गोली लगने से तारिक घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एएमयू की छात्राओं ने खराब किया माहौल : डीएम

डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि धरने पर बैठी महिलाओं को लगातार समझाने का प्रयास किया। शहर मुफ्ती, ईदगाह के इमाम ने समझाया पर महिलाएं नहीं मानीं। एएमयू की कुछ छात्राओं ने माहौल खराब कराया है। उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। महिलाओं के साथ आए युवकों ने पुलिस पर पथराव किया। बाबरी मंडी में भी माहौल खराब करने की कोशिश की। फिलहाल हालात सामान्य हैं। रेड स्कीम लागू कर दी है। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

क्या है रेड स्कीम

रेड स्कीम में बिना आदेश पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय हो जाती है। उन्हें सूचना के बाद मौके पर पहुंचना होता है।

ऊपरकोट बवाल शांत होते ही एएमयू के चुंगी गेट पर हंगामा

सीएए के विरोध में रविवार को योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया। पहले ऊपरकोट में जमकर बवाल किया। बवाल के शांत होते ही शाम सात बजे एएमयू के चुंगी गेट के बाहर अनूपशहर रोड को जाम कर लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि पुलिस ने 150 लोगों को हिरासत में लिया है। प्रदर्शनकारियों ने यूपी पुलिस डाउन डाउन, यूपी पुलिस शेम-शेम के नारे लगाए। प्रदर्शन में महिलाएं भी थीं। अफसर उन्हें समझाने में लगे रहे। देर रात तक यहां लोग डटे हुए थे। ऊपरकोट में शाम करीब सात बजे हालात सामान्य हो गए थे। इससे पहले ही एएमयू के छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिये छात्रों को चुंगी गेट के बाहर एकत्रित होने के लिए कहा। सात बजे यहां 400-500 लोगों की भीड़ जमा हो गई। लगातार नारेबाजी हुई और भीड़ हंगामा करने लगे। आरोप लगाया कि पुलिस ने 150 लोगों को हिरासत में ले रखा है, जबकि पुलिस ने इसे अफवाह बताया। भीड़ बढ़ती रही। अफसर पहुंच गए, लेकिन लोग हटे नहीं। देर रात 20 छात्रों का प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिलने के लिए गया था।

पुलिस प्रशासन बना रहा चकरघिन्नी

रविवार सुबह से ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन को चकरघिन्नी बनाए रखा। ऊपरकोट व आसपास के इलाकों में अधिकारी मोर्चा संभाले थे। हर तरफ लोगों को समझाने की कोशिश हो रही थी, लेकिन प्रदर्शनकारी माहौल खराब करने के लिए ही निकले थे। रात में उपद्रव शांत हुआ तो जमालपुर की तरफ प्रशासन की दौड़ लगवा दी।

महिलाओं को भड़का रही थीं एएमयू की छात्राएं, छात्र नेता थे मार्गदर्शक

ऊपरकोट कोतवाली पर बवाल अचानक ही नहीं हो गया, बड़ी साजिश नजर आ रही है। अभी तक एएमयू की कुछ छात्राओं को ही साजिशकर्ता माना गया है। इन छात्राओं को कुछ छात्र नेताओं का भी मार्गदर्शन मिल रहा था। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि कहीं पीएफआइ का हाथ तो नहीं है। दो दिन पहले ऊपरकोट पर महिलाओं ने शाहजमाल में टेंट लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था, जिसे प्रशासन ने शनिवार को मान भी लिया। अधिकांश महिलाएं इससे राजी हुईं और शाहजमाल धरने में शामिल होने चली गईं।

जो महिलाएं नहीं मानीं, उन्हें शहर मुफ्ती खालिद हमीद ने धरनास्थल पर जाकर समझाया, लेकिन बात नहीं मानी। रात में ईदगाह के इमाम ने भी समझाया, पर कोई राजी नहीं हुआ। शाहजमाल धरने पर प्रशासन ने रात में ही टेंट लगवाने की मंजूरी दे दी। टेंट लग भी गया। लग रहा था कि रविवार सुबह ऊपरकोट पर धरना खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।पुलिस के अनुसार धरने में कुछ ऐसी महिलाएं व छात्राएं भी शामिल थीं, जो नहीं चाह रही थीं कि यहां से हटें। इनमें कुछ छात्राएं एएमयू की थीं, जो महिलाओं को भड़का रही थीं। इन कुछ छात्र नेताओं से भी मार्गदर्शन मिल रहा था। महिलाओं के धरने में छात्र नेता तो सीधे सामने आए नहीं, लेकिन विचारधारा जरूर दिखी। छात्राएं किसके कहने पर धरने पर जमी थीं, उनका मकसद क्या था? पुलिस ऐसे तमाम बिंदुओं पर जांच की बात कर रही है।

एसएसपी मुनिराज ने बताया कि पुलिस के युवाओं को गिरफ्तार करने की अफवाह के चलते विवाद बढ़ा था। महिलाओं के साथ मौजूद लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। एएमयू की कुछ छात्राओं ने महिलाओं को भड़काया है। उनकी पहचान कर कुलपति को पत्र लिखा जाएगा, ताकि उन्हें समझाया जाए। पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस की गोली से कोई घायल नहीं हुआ। अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। शाहजमाल धरने में लोग शामिल हो सकते हैं और कहीं धरना नहीं लगाने दिया जाएगा। सभी संवदेनशील इलाकों में पुलिस तैनात की गई है।

कोतवाली में भागकर बचाई जान

रविवार शाम साढ़े चार बजे इंस्पेक्टर रवेंद्र कुमार सिंह के परिवार में सदस्य की तबीयत बिगड़ गई। वह जीप लेकर कोतवाली से बाहर निकले तो महिलाओं ने रोक लिया। गाड़ी नहीं निकलने दी। आरोप लगाया कि पुलिस गाड़ी में युवकों को बिठाकर ले जा रही है। चंद मिनटों में भीड़ ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पुलिस को आशंका नहीं थी कि भीड़ उग्र्र हो जाएगी। फोर्स अन्य जगहों पर भीड़ को संभालने में लगा था। यहां भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। आरएएफ की मिनी बस क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिसकर्मियों ने कोतवाली में घुसकर जान बचाई। फोर्स बुलाया गया। तब प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया।

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