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मुख्यमंत्री योगी ने की जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की शुरुआत

लखनऊ, 11जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी इस बात को जानते हैं कि सकल जनसंख्या घनत्व का प्रभाव शिशु एवं मातृ मृत्यु दर से जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में जनसंख्या का घनत्व व सकल जन्म-दर देश की तुलना में तमाम उपायों के बावजूद यह काफी ज्यादा है। देश में इसका अनुपात 2.2 है और उत्तर प्रदेश में 2.7 है। इसका प्रभाव शिशु एवं मातृ मृत्यु दर पर स्पष्ट दिखाई देता है। इस दौरान उन्होंने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर शनिवार को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के शुभारम्भ किया।

तीन वर्षों में किए गए बहुत प्रयास-योगी

उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में बहुत से प्रयास किए गए ताकि व्यापक जागरूकता के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के मन में यह भाव जागृत कर सकें कि जनसंख्या स्थिरीकरण के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ व सुदृढ़ परिवार की ओर अग्रसर किया जा सकता है। इस दृष्टि से आज का दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोविड-19 की चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य विभाग को कार्यक्रम आयोजित करने पर बधाई दी।

शिशु व मातृ मृत्यु दर नियंत्रण को कई कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ हुए हैं ताकि शिशु व मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सके। इस दृष्टि से केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, यह सभी कार्यक्रम व्यापक पैमाने पर संचालित हो रहे हैं।

1,820 न्यू बॉर्न केयर कॉर्नर और 180 न्यू बॉर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट स्थापित

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु-दर को नियंत्रित करने के लिए 1,820 न्यू बॉर्न केयर कॉर्नर, 180 न्यू बॉर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट, 82 सिक न्यू बॉर्न यूनिट की स्थापना की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 53 जनपदों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिटें संचालित हैं। जिनके माध्यम से फरवरी, 2020 तक 20 लाख 58 हजार से अधिक लाभार्थियों को ओपीडी के माध्यम से सेवाएं प्रदान की गईं। प्रदेश में गम्भीर रोगियों के लिए 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस संचालित हैं। जिनमें मई, 2020 तक 2 लाख 1 हजार से अधिक रोगियों को लाभान्वित किया गया है।

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