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Delhi: बहन की छोटी- सी बात पर भाई को आया गुस्सा, कर दी हत्या

नई दिल्ली । शकरपुर इलाके में मामूली बात पर एक चचेरे भाई ने बहन की जान ले ली। भाई चाहता था कि बहन उसके साथ छठ पर्व पर बिहार स्थित गांव चले, लेकिन उसने मना कर दिया। इसको लेकर दोनों के बीच झगड़ा शुरू होने लगा। इस दौरान आरोपित ने अपने पर्स से सर्जिकल ब्लेड निकालकर कान के पास हमला कर दिया। अधिक खून बहने की वजह से उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान सोनी (18) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपित जितेंद्र (34) को दो दिन बाद मालवीय नगर से गिरफ्तार कर लिया है।

मूल रूप से बांका के गांव आरामपुर, बिहार निवासी सोनी यहां अपनी दीदी पूजा और जीजा सुमित के साथ किराये के मकान में शकरपुर गांव में रहती थी। सुमित सब्जी बेचते हैं। सोनी यहां करीब दो साल पहले आई थी। पत्रचार से वह बीकॉम की पढ़ाई कर रही थी। इसके साथ कुछ बच्चों को उसने ट्यूशन भी पढ़ाना शुरू कर दिया था।

दशहरे के दिन चचेरा भाई आया था घर

पिछले आठ अक्टूबर को दशहरे के दिन चचेरा भाई जितेंद्र उनके घर आया था। रात में खाना खाने के बाद सोनी पहली मंजिल पर अपने कमरे में चली गई। वहीं जितेंद्र को छत पर जाकर सोना था, लेकिन उससे पहले सोनी के कमरे में चला गया। उसने सोनी को बताया कि छठ पर गांव चलना है। उसने अपने साथ सोनी का भी ट्रेन का टिकट ले लिया है।

बिना पूछे टिकट बनवाने पर जताया एतराज

सोनी ने बिना पूछे टिकट बनवाने पर एतराज जताया। इस बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। सोनी ने जितेंद्र को थप्पड़ मार दिया। बदले में उसने पर्स से ब्लेड निकालकर सोनी के कान के नीचे हमला कर दिया। इसके बाद आरोपित वहां से फरार हो गया। सुबह पूजा ने सोनी को आवाज दी तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। वह कमरे में पहुंची तो खून से लथपथ सोनी का शव पड़ा था। पूजा ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। हत्या का केस दर्ज कर पुलिस ने जितेंद्र की तलाश शुरू कर दी। पता चला कि जितेंद्र मालवीय नगर में रहकर पुताई का काम करता है। पुलिस उसके कमरे पर पहुंची तो वहां नहीं था। इसके बाद पुलिस ने अन्य जगहों पर दबिश दी और मालवीय नगर से ही उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के समय भी उसके पर्स में ब्लेड मौजूद था। पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है।

रातभर शव के साथ रहा चचेरा भाई

ब्लेड लगने के कारण सोनी छटपटाने लगी तो आरोपित ने उसका मुंह बंद कर दिया। थोड़ी ही देर में अधिक खून बहने की वजह से उसकी मौत हो गई। जितेंद्र रातभर शव के साथ कमरे में रहा। सुबह करीब छह बजे उठकर वह भूतल पर आया और पूजा का दरवाजा खटखटाकर चाय बनाने को कहा। पूजा ने तबियत खराब होने की बात कहकर चाय बनाने से मना कर दिया। इस पर वह वहां से निकल गया।

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