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गन्ना समितियों के चुनाव स्थगित, अंतरिम कमेटियों का गठन होगा

लखनऊ। पूरा देश कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, उत्तर प्रदेश में भी स्थितियां अलग नहीं हैं। ऐसे में सरकारी अधिनियमों और प्राविधानों के तहत होने वाले कार्य भी काफी हद तक बाधित हो रहे है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानो के कल्याण और सहायता के लिए बनने वाली गन्ना समितियों के चुनाव का समय आ गया है, परन्तु कोरोना संकट के चलते फिलहाल इसे कराया जाना संभव नहीं होगा। दूसरी ओर गन्ना किसानों और चीनी मीलों की आवशयक्ताओं के चलते वैकल्पिक व्यवस्था भी जरूरी है। ऐसे में सरकार ने ‘अंतरिम समितियों के गठन का फैसला किया है।

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त निबंधक / सहकारी गन्ना / चीनी मिल समितियां उत्तर प्रदेश संजय आर. भूसरेड्डी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग द्वारा सहकारी गन्ना / चीनी मिल समितियों का निर्वाचन निर्धारित समय पर कराया जाना सम्भव नहीं है। ऐसी स्थिति में समिति सदस्यों के हित के दृष्टिगत उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 की धारा 29-4 (ख) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अन्तरिम प्रबन्ध कमेटी का गठन आवश्यक हो गया है।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश की अधिकांश सहकारी गन्ना / चीनी मिल समितियों की वर्तमान प्रबन्ध कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने एवं नयी निर्वाचित प्रबन्ध कमेटी का गठन न हो पाने से समितियों के दैनिक कार्यकलाप सम्पादित न हो पाने के कारण समिति सदस्यों का हित अवश्य प्रभावित होंगे। अतः ऐसी स्थिति में उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 की धारा 29-4 (ख) के अन्तर्गत अन्तरिम प्रबन्ध कमेटी गठित करने हेतु समस्त गन्ना परिक्षेत्रों को दिशा-निर्देश जारी किये गए है।

गन्ना परिक्षेत्रों के उपगन्ना आयुक्तों को निर्देशित किया गया

उन्होंने बताया की सभी गन्ना परिक्षेत्रों के उपगन्ना आयुक्तों को निर्देशित किया गया है की वे निबंधक की शक्ति का प्रयोग करते हुए सहकारी गन्ना विकास समितियों हेतु सम्बन्धित जिला गन्ना अधिकारी, सम्बन्धित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं सम्बन्धित विशेष सचिव / सचिव प्रभारी तथा सहकारी चीनी मिल समितियों हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी, सम्बन्धित गन्ना विकास परिषद के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं सम्बन्धित प्रधान प्रबन्धक / सचिव को शामिल कर अंतरिम प्रबंध कमेटी का गठन करना सुनिश्चित करें।

छह माह होगा अंतरिम कमेटी का कार्यकाल

गठित अन्तरिम प्रबन्ध कमेटी उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 एवं तद्विषयक नियमावली, 1968 के अधीन प्रबन्ध कमेटी की शक्तियों का प्रयोग अतिआवश्यक कार्यों के संपादन हेतु करेगी। अन्तरिम प्रबन्ध कमेटी अपनी नियुक्ति के छह माह के अवसान पश्चात या प्रबन्ध कमेटी के निर्वाचन के पश्चात उसके पुनर्गठन पर, जो भी पहले हो, समाप्त हो जायेगी।

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